गैरसैंण- गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की वकालत करने वाले अजय भट्ट को बजट सत्र के दौरान आंदोलनकारियो ने ऐसा घेरा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को अपनी कार का शीशा चढ़ाकर निकलना पड़ा।
दरअसल गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने के लिए दूर-दूर से गैरसैंण पहुंचे आंदोलनकारियों के हुजूम ने गैरसैंण में जहां सरकारी व्यवस्थाओं की पोल खोली वहीं सियासी दलों की मंशा भी उजागर कर दी।
गैरसैंण को उत्तराखंड की स्थाई राजधानी देखने वाले आंदोलनकारियों ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट से ऐसे सवाल किए कि भट्ट को कोई जवाब नहीं सूझा। खबर है कि अजय भट्ट इस सवाल का जवाब भी नहीं दे पाए कि उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य मे दो राजधानियों की वकालत क्यों ? और गैरसैंण स्थाई राजधानी क्यों नहीं?
बहरहाल गैरसैंण में बजट सत्र के दौरान आंदोलनकारियों ने सरकार को बैकफुट पर धकेल दिया। दिवालीखाल से लेकर आदीबद्री रोड़ पर लगे जाम से सरकारी इंतजामात हलकान हो गए। पुलिस जनता को समझाती रही आखिरकार पुलिस को कई आंदोलनकारी महिलाओं और पुरूषों को गिरफ्तार करना पड़ा।
(फाइल फोटो)