आगरा- ताजनगरी आगरा में कल बड़ा हादसा हो गया। यहां पर पटियाला निवासी एयरफोर्स कर्मी हरदीप सिंह की पैराजम्प के दौरान मौत हो गई। हरदीप सिंह ने हेलीकाप्टर से करीब आठ हजार फुट की ऊंचाई से छलांग लगाई, लेकिन उनका पैराशूट नहीं खुला। वह सीधा जमीन पर आकर गिरे और मौके पर ही दम तोड़ दिया।
सिर में चोट लगने से मौत
हरदीप के सिर पर हेलमेट लगा हुआ था। लेकिन आठ हजार फीट की ऊंचाई से गिरने से उनके सिर पर गंभीर चोट आई थी। जिससे उनकी मौत हो गयी।
पैराशूट न खुलने से एयरफोर्स कर्मी की मौत, नहीं खुला पैराशूट
हेलिकॉप्टर में सवार होकर हरदीप सिंह ने छलांग लगाई थी, लेकिन पैराशूट ही नहीं खुला। उनका इमरजेंसी पैराशूट भी नहीं खुला। जिसके कारण हरदीप सिंह सीधे जमीन पर गिरे और बुरी तरह घायल हो गए। आगरा के मलपुरा ड्रॉपिंग जोन में आठ माह के अंदर ही एक और हादसा हो गया। कल दोपहर 11वीं रेजीमेंट के जवान 28 वर्षीय हरदीप सिंह का पैराशूट न खुलने से वह जमीन पर आ गिरे। अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत मौत हो गई। जवान के हाथ में रिजर्व पैराशूट फंस गया था।
हरदीप सिंह थे पैरा जंपर, इंडियन एयरफोर्स स्थित पैराशूट ट्रेनिंग स्कूल आए थे
पटियाला पंजाब निवासी हरदीप सिंह (28) पैरा जंपर थे। पिछले दिनों वह नियमित जंप करने के लिए इंडियन एयरफोर्स स्थित पैराशूट ट्रेनिंग स्कूल आए थे। कल दोपहर एक बजे एयरफोर्स से एएन-32 से 34 जवानों ने उड़ान भरी। मलपुरा ड्रॉपिंग जोन के आसमान पर आने के बाद एक पंक्ति में जवानों ने आठ हजार फीट से छलांग लगाई। छलांग के तुरंत बाद हरदीप का संतुलन बिगडऩे लगा। मुख्य पैराशूट के बाद रिजर्व को खोल लिया। यह बाएं हाथ में फंस गया। कोशिशों के बाद भी यह न निकला और हरदीप ड्रॉपिंग जोन के बदले वह आलू के खेत में गिरे। यह देख वहां पर तैनात लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया।
हरदीप सिंह पंजाब के पटियाला के रहने वाले थे
इसके बाद घायल हरदीप को लेकर मिलिट्री अस्पताल के लिए साथी रवाना हुए, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। इस हादसे की सूचना मिलते ही वहां पर एयरफोर्स कर्मियों में खलबली मच गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हरदीप सिंह पंजाब के पटियाला के रहने वाले थे।
आठ हजार फीट से हरदीप ने लगाई थी आखिरी छलांग, कर चुके दो दर्जन से अधिक जंप
पैरा जंपर हरदीप सिंह ने आठ हजार फीट से छलांग लगाई थी। यह फ्री फॉल जंप थी। छह हजार फीट पर आने के बाद मुख्य पैराशूट खोला, लेकिन हवा का तेज बहाव होने और असंतुलन के चलते हरदीप खुद पर काबू नहीं कर सके। अब तक दो दर्जन से अधिक जंप कर चुके हरदीप को फ्लाइंग बर्ड का तमगा मिला था। मलपुरा ड्रॉपिंग जोन में हर साल करीब 45 हजार जंप होती हैं। यहां देश और विदेश से सैन्य कर्मी जंप करने के लिए आते हैं।