उत्तराखंड सहित देश भर में कोरोना का कहर जारी है। अब तो आए दिन 80-82 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। वहीं उत्तराखंड में तो एक दिन में अब 800-900 से ज्यादा मामले सामने आने लगे हैं। कहा जा रहा है कि सितंबर-अक्टूबर तक उत्तराखंड में 40 हजार तक मामले हो सकते हैं। वहीं दिल्ली एम्स के निदेशक ने दावा किया है कि त्यौहारों में कोरोना के मामले और अधिक बढ़ेंगे। जी हां दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि लॉकडाउन शुरू हुआ था तो लोगों ने इस बीमारी को गंभीरता से लिया था। लोग कोरोना को हल्के में ले रहे हैं इसलिए कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लोग पहले की तरह मास्क लगाने, बार-बार हाथ धोने के नियम का पालन नहीं कर रहे। बाजार में शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं हो रहा है। ऐसी स्थिति में संक्रमण और फैलेगा।
निदेशक का कहना है कि त्यौहार का सीजन भी है ऐसे में लोग खरीदारी के लिए भी घरों से बाहर निकलेंगे। बाजारों में भीड़ होगी। इसी वजह से मामले बढ़ भी सकते हैं, लेकिन यह भी समझने की जरूरत है कि हम महामारी के बीच में हैं, इसलिए पहले की तरह सतर्क रहना जरूरी है। लोगों को कोरोना से बचने के लिए जरुरी नियमों का पालन करना होगा तभी कोरोना का कहर कम होगा।
एम्स निदेशक ने दिए अहम सुझाव
- बचाव के नियमों का पालन करते हुए अपना काम करना है। साथ ही यह योजना भी बनानी पड़ेगी कि अब जब सभी चीजें खुल रही हैं, तो कोरोना की रोकथाम कैसे की जाए। इसके लिए अधिक से अधिक जांच कर संक्रमित लोगों की पहचान करनी होगी।
- पॉजिटिव पाए गए लोगों को आइसोलेशन में रखना होगा। साथ ही अधिक से अधिक कंटेनमेंट जोन बनाकर रोकथाम के लिए अभियान चलाना होगा।
- पहले की तरह आक्रामक तरीके से सरकार-प्रशासन को रोकथाम के लिए कार्रवाई करनी होगी।
- पहले की तरह मास्क लगाने के साथ बार-बार हाथ धोने के नियम का पालन करना होगा।
- शारीरिक दूरी के नियमों का सख्ती से पालन जरूरी हो गया है।
- कंटेनमेंट जोन में सख्ती के साथ जांच में तेजी लानी होगी।