संवादाता। व्रत के दिन सबसे पहले सुबह स्नान करके मंदिर में पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। बाबा की प्रतिमा को पोछ कर चंदन का तिलक लगाएं। इसके बाद पीले फूलो का हार चढ़ाकर अगरबत्ती और दीप जलाकर साई की कथा पढ़े। इस व्रत में कुछ न कुछ खाना जरुरी होता है। भूखे रहकर इस व्रत को नहीं किया जाता हैं। घर के पास साई बाबा मंदिर न होने पर घर में भी साई फोटों की पूरी श्रद्धा से पूजा करनी चाहिए। साईबाबा व्रत के अंतिम दिन पांच गरीब व्यक्तियों को भोजन और सामर्थ्य अनुसार दान देना चाहिए। इसके साथ ही साईबाबा की कृ्पा का प्रचार करने के लिये 7, 11,या 21 साईबाबा पुस्तके लोगों में बांटनी चाहिए इस प्रकार इस व्रत को समाप्त किया जाता है।