आज एक ओर जहां परिवार में आपसी रिश्ते बिगड़ने लगे हैं तो वहीं एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक मगरमच्छ के मरने पर पूरा गांव रोया. जी हां बेमेतरा जिले के बवामोहतरा गांव का हैं जहां गांव के लोगों ने एक मगरमच्छ को 125 साल प्यार से ऱखा औऱ उसके मरने पर खूब रोये औऱ अतिंम दर्शन में पूरा गांव आया. इस गांव में तालाब में रहने वाले मगरमच्छ जिसका नाम गंगाराम था गांवो के लोगों को इस मगरमच्छ से काफी आत्मीय रिश्ता था। ये रिश्ता इतना ज्यादा गहरा था कि लोग गंगाराम नाम के इसर मगरमच्छ को घर से लाकर दाल चावल भी खिलाते थे और वह भी बड़े शौक खाता था।
गंगाराम की याद में होगा गांव में मंदिर निर्माण
बता दें कि गांव वालों को गंगाराम इस कदर प्यारा था कि उसकी याद में अब बनेगा मंदिर। इतना ही नहीं गंगाराम की मौत के बाद से ही पूरा गांव जैसे मानों सदमें में है। गंगाराम के दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से अंतिम दर्शन के लिए आ रहे हैं। जब मंगलवार की सुबह अचानक से गंगाराम पानी के ऊपर आ गया और मछुआरों ने उसके पास जाकर देखा तो वह मर गया था।
गंगाराम का शव तालाब से बाहर निकाला
उसके बाद गांव वालों ने गंगाराम का शव तालाब से बाहर निकाला. मगरमच्छ की अंतिम यात्रा पूरे सजा-धजाकर टे्रक्टर से निकली। गांवो वालों का कहना है कि उनका रिश्ता गंगाराम से काफी गहरा है इसलिए उसकी याद में गांव में मंदिर निर्माण कराया जाएगा।गंगराम ने कभी किसी ग्रामीण को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया है। तालाब में जब कई बार नहाते वक्त लोग मगरमच्छ से टकरा जाते थे तो वह दूर हट जाता था। तालाब में जो मछलियां होती थी वहीं गंगाराम का आहार थी। वहीं गंगाराम के लिए गांव के लोग कई तरह के पकवान घर से बनाकर लाते थे।