हरिद्वार : कांवड़ के समापन के बाद धर्मनगरी हरिद्वार में जगह-जगह गन्दगी का अम्बार लग गया. कांवड़ के दौरान गंगा के घाटों पर एनजीटी के आदेशों की खुलकर धज्जियां उड़ी. घाटों पर फैले कूड़े को उठाने में हरिद्वार नगर निगम नाकाम साबित रहा, जिसके कारण घाटों पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है. कांवड़ यात्रा के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगाजल भरने हरिद्वार पहुंचे. कांवड़ियों ने गंगा घाटों पर जमकर गंदगी फैलाई. वहीं संक्रमित रोगों से निजात पाने के लिए लंबी प्रतीक्षा के बाद शुक्रवार देर रात से आई भारी बरसात से पूरे शहर में हुआ जल भराव आम जन मानस के लिए मुसीबतें लेकर आया तो साथ ही नगर निगम के दावों की पोल भी खोल कर रख दी।
मूसलाधार बरसात से धर्मनगरी पानी-पानी
मूसलाधार बरसात से धर्मनगरी में हर जगह पानी-पानी हो गया, जहाँ देखो पानी ही पानी यहां तक कि शहर के आम चौराहों और बाईपास रोड पर तो जैसे दरिया बह रहा था। कई फ़ीट पानी सड़कों पर जमा था और जरूरतमंद लोग उसमे से निकलकर जाने का प्रयास कर रहे थे, क्या स्कूली बच्चे, क्या महिलाएं, क्या व्यापारी, क्या कामकाजी, बुजुर्ग और क्या स्थानीय निवासी इसी पानी से निकलकर जाने को मजबूर थे, बरसात के भरे पानी से चार पहिया वाहन निकले रहे तो दो पहिया वाहन ले कर जाने वालों और पैदल जलभराव को पार करने वालों के लिए नई मुसीबत खड़ी हो रही थी और वे इसमें गिरते-गिरते बच रहे थे यहां तक कि स्कूल बसों तक को भी यही से इसी पानी से होकर गुजरना पड़ रहा था।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अभी तो यह बारिश लगातार 24 घंटे भी नहीं आई है तो सड़क पर निकलना मुहाल हो गया है, यह सरकारी तंत्र की लापरवाही है। स्थानीय निवासियों का यह भी कहना है कि सड़कों पर जगह-जगह बने गड्ढों से जान जोखिम में डाल कर सड़कों पर निकलना पड़ रहा है, सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए तथा धर्मनगरी के लिए यह समस्या कोई नई नही है।