देहरादून : बीते दिन नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ने हल्द्वानी में हरीश रावत और धामी को लेकर एक बयान दिया था जिससे कांग्रेस में घमासान मच गया है। खबर उत्तराखंड ने ये खबर प्रकाशित की थी जिसको पढ़कर उप नेता विपक्ष करन माहरा ने इंदिरा पर पलटवार किया है और खुद को आहत बचाया है।
इंदिरा का बयान-कभी-कभी ज्यादा वफादारी भी भारी पड़ जाती है
दरअसल हरीश रावत के सोशल मीडिया में अपना दर्द जताने के बाद, प्रदेश नेतृत्व के ऊपर उग्र हुए हरीश रावत के करीबी धारचूला विधायक हरीश धामी ने जहां निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही थी, तो वहीं उसके बाद अब धामी ने फेसबुक पर टिप्पणी लिख अपने प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाए? इस पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने हरीश धामी को नसीहत देते हुए कहा कि कभी-कभी ज्यादा वफादारी भी भारी पड़ जाती है, लिहाजा विधानसभा सत्र से पहले कल होने वाली विधायक दल की बैठक में हरीश धामी से इस बारे में बातचीत की जाएगी. इस तरह की बयानबाजी से कांग्रेस संगठन और पार्टी के विधायकों में भी आपसी गुटबाजी खुलकर सामने आ रही है।
उप नेता विपक्ष करन माहरा ने खबर उत्तराखंड का लिंक शेयर कर लिखी पोस्ट
वहीं इसके बाद उप नेता विपक्ष करन माहरा ने इंदिरा पर पलटवार किया है और फेसबुक पर पोस्ट शेयर की है साथ ही खबर उत्तराखंड का लिंक भी शेयर किया है. करन माहरा ने लिखा कि आज नेता प्रतिपक्ष जी का बयान हरीश धामी जी के विरुद्ध आया है जिसको देखकर मैं बहुत आहत हूं, नेता प्रतिपक्ष या किसी भी पार्टी के नेता का कर्तव्य है कि वह सबको साथ लेकर चले और नेता प्रतिपक्ष जी का यह विशेष कर्तव्य था,आज 70 में से कांग्रेस के केवल 11 विधायक हैं,उनके बीच में कैसे सामंजस्य बैठे यह उनकी जिम्मेदारी है, और नेता प्रतिपक्ष जी का बयान अखबारों में देना या सोशल मीडिया में देना निश्चित ही आहत करने वाला है, क्या 11 विधायकों से सीधे बात नहीं हो सकती, अगर कोई साथी कांग्रेस विधायक या कोई भी कांग्रेस कार्यकर्ता या नेता अपनी पीड़ा को कहता है तो यह सयानो का और बड़े नेताओं का कर्तव्य है कि उनको बैठा कर उनसे बातचीत करी जाए उनकी पीड़ा को समझा जाए और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए, ना कि उनको धमकी दी जाए, जो हरीश रावत जी की अनदेखी हुई है या करी गई है की उसकी चर्चा पार्टी के अंदर करी जा सकती थी|
कांग्रेस के विधायकों में जान भरता हो सरकार से लड़ने के लिए-करन माहरा
एक ऐसा विधायक जो लगातार सरकार को घेरने का काम करता है, सदन में जिसकी आवाज बुलंद रहती है, जो हमेशा क्षेत्र की समस्याओं के साथ-साथ पूरे प्रदेश की समस्याओं को लगातार सदन में उठाता रहा हो, कांग्रेस के विधायकों में जान भरता हो सरकार से लड़ने के लिए, उसके लिए इस तरीके का व्यवहार आश्चर्यजनक है, मैं यह बता देना चाहता हूं हरीश धामी कांग्रेस की धरोहर है ,और हरीश धामी उन चुनिंदा नेताओं में से एक है जो सदन में लगातार तीन वर्षों तक अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं जनता की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार से लड़ते रहे हैं,उनको संभाल के रखना सहेज के रखना पार्टी का काम भी है कर्तव्य भी है, क्या कोई ऐसी एजेंसी है जो शीर्ष नेताओं के ऐसे बयानों पर ऐसी हरकतों पर नजर रखें.
अगली बार से सोशल मीडिया में लिखने से अच्छा उनसे सीधे संपर्क करके….करन
माननीय नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदेश जी हम सभी विधायकों की नेता हैं, सदन में वह हमारा नेतृत्व करती हैं, उनके अंदर अपार क्षमता है और उनके पास एक लंबा राजनीतिक अनुभव है, उनसे मेरी अपेक्षा है कि वह अगली बार से सोशल मीडिया में लिखने से अच्छा उनसे सीधे संपर्क करके चीजों को सुधारने का काम कर सकती हैं, उनसे एक अनुरोध यह भी है कि वह पार्टी के अंदर के मनमुटाव को सोशल मीडिया या अखबारों के जरिए ना रखते हुए पार्टी के अंदर फोरम में बात करें और उन्हें सुलझाने का काम करें|
धन्यवाद|