देहरादून- बेशक दीवाली के पांच पर्वों की जमानों पुरानी छुट्टियां अब स्कूलों में न मिलती हों लेकिन नई छुट्टियों में लगातार इजाफा हो रहा है। चुनावी साल में कुछ दिन पहले सूबे के मुख्यमंत्री ने करवा चौथ की छुट्टी का ऐलान कर सरकारी कर्मचारियों को खुश कर दिया था तो अब बिहार और पूर्वांचल के खास धार्मिक पर्व पर गढंवाल और कुमाऊ के सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे। घोल्ड़ संक्रांद की बेशक यहां छुट्टी न मिलती हो लेकिन अब से छठ के महान पर्व की छुट्टी पहाडी राज्य के सरकारी कलैंडर में शामिल हो गई है। हालांकि ये छुट्टी बैंक और कोषागारों पर लागू नहीं होगी। बाकि सारे सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे और छठ के पावन पर्व पर सरकारी मुलाजिम सूर्य भगवान की आराधना कर उनसे वरदान प्राप्त करेंगे। मुख्यमंत्री हरीश रावत के निर्देश पर प्रदेश में छठ पूजा के अवसर पर सोमवार 07 नवम्बर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। इस संबंध में शासन द्वारा छठ पूजा के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश का शासनादेश भी निर्गत कर दिया गया है। इतना ही नहीं सीएम नें मुख्य सचिव को यह भी निर्देश दिये के छठ पूजा के लिये घाटों पर विशष व्यवस्था की जाय। घाटों की सफाई सुनिश्चित की जाय। रिस्पना व बिन्दाल आदि नदियोें के घाटों पर विशेष इंतजाम सुनिश्चित किये जाय। नदियों की साफ-सफाई कराते हुए पूजा के लायक माहौल बनाया जाए। उधर हरिद्वार में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने टाउन हाॅल में छठ महोत्सव के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और सभी को छठ की शुभकामनांए दी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि छठ का त्योहार देश के प्रमुख त्योहारों में से एक है। छठ पूजा हमारी सांस्कृतिक एकता को जोड़ने का कार्य करती है। छठ धार्मिक भावना एवं एकता का प्रतीक है। इस पर्व पर सभी लोग भगवान सूर्य का आशीवार्द प्राप्त करते हैं। गौरतलब है कि इस संबंध में मुख्यमंत्री हरीश रावत से सभा सचिव/विधायक राजकुमार ने भी मुलाकात की थी और मुख्यमंत्री से छठ पूजा के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की थी। बहरहाल चुनावी साल में छुट्टी पर छुट्टी का ऐलान कुछ भला करेगा या नहीं ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा पर छुट्टियों के ऐलान से सरकारी कर्मचारियों के चेहरे की रौनक देखते ही बनती है।