देहरादून: हाईकोर्ट ने सरकार को हर हाल में 30 नवंबर तक त्रीस्तरीय पंचायत चुनाव कराने को कहा है। उसके बाद से ही सरकार खासकर पंचायती राज विभाग ने कामों में तेजी दिखानी शुरू कर दी है। पहले सभी पंचायत राज कर्मियों की छुट्टियों को रद्द कर दिया गया और अब ग्राम पंचायतों के बाद क्षेत्र और जिला पंचायतों को भी प्रशासकों के हवाले कर दिया गया है।
क्षेत्र पंचायतों का कार्यकाल नौ अगस्त और जिला पंचायतों का 12 अगस्त को खत्म हो रहा है। संविधान और पंचायती राज एक्ट के अनुसार कार्यकाल समाप्त होने तक चुनाव हो जाने चाहिए थे, लेकिन सरकार काफी पीछे हैं। कार्यकाल पूर्ण होने से पहले चुनाव न हो पाने के मद्देनजर शासन ने इन्हें प्रशासकों के हवाले करने का निर्णय लिया है। प्रदेश में हरिद्वार को छोड़ शेष 12 जिलों में ग्राम पंचायतों का पांच साल का कार्यकाल प्रथम बैठक की तिथि के क्रम में 14 व 15 जुलाई को खत्म हो गया था।
पंचायतीराज सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार नौ अगस्त से क्षेत्र पंचायतों और 12 अगस्त से जिला पंचायतों में प्रशासक कार्यभार संभाल लेंगे। क्षेत्र पंचायतों में उपजिलाधिकारी और जिला पंचायत में जिलाधिकारी बतौर प्रशासक कार्यभार संभालेंगे। हाईकोर्ट के आदेशानुसार प्रशासक क्षेत्र और जिला पंचायतों में केवल सामान्य रुटीन के काम करेंगे। वो किसी तरह का नीतिगत निर्णय नहीं ले सकेंगे।