चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना का कहर पूरी दुनिया के लिए खतरा बना हुआ है। दुनियाभर में कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने की होड़ लगी है। अमेरिका के बाद अब कोरोना के जनक चीन ने भी यह दावा किया है कि उसने कोरोना की वैक्सीन तैयार कर ली है। चीन कोरोना वायरस से बचाव के लिए नौ वैक्सीन पर काम कर रहा है। वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के लिए चीन को वॉलंटियर्स की जरूरत हैं। ऐसे वॉलंटियर्स जो छह माह के लिए इसके ट्रायल के लिए उपलब्ध रहें।
चीन के उत्तर पूर्वी शहर त्यानजिन में कैनसिन बायोलॉजिक्स ने एकेडमी ऑफ मिलिट्री मेडिकल साइंसेज के साथ मिलकर इस वैक्सीन के लिए काम शुरू किया और इसके क्लिनिकल परीक्षण के लिए वांलटियर्स की खोज शुरु कर दी है। हुबेई सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने दावा किया कि जिस वैक्सीन का परीक्षण होना है, वह बहुत सुरक्षित है और इससे इंफेक्शन का कोई खतरा नहीं है।
चीन में परीक्षण के लिए तलाश किए जा रहे वॉलंटियर्स के बारे में अमेरिका की ओर से परीक्षण किए जाने के एक दिन बाद ही घोषणा की गई। चीन जिन नौ वैक्सीन पर काम कर रहा है, उनमें मैसेंजर रीबॉलुक्निक एसिड यानी एमआरएनए टेक्नॉलॉजी, वायरस के जेनेटिक कोड की नकल है और इसका परीक्षण इंसानों पर किए जाने की मंजूरी मिल चुकी है। इसे कैनसिनो के साथ मिलकर एकेडमी ऑफ मिलिट्री मेडिकल साइंसेज ने बनाया है। अप्रैल में इनके ट्रायल होने की उम्मीद जताई जा रही है।