अल्मोड़ा – राज्य के दूरस्थ पहाड़ी इलाकों मे सरकारी तालीम किसी तमाशे से कम नही। पहले तो स्कूल का दूरस्थ होना सरकारी मास्टरों को खटकता है ऊपर से स्कूल का भवन ही न हो तो कोढ में खाज जैसे हालात। यहां हर इलाके की तस्वीर तकरीबन एक जैसी ही है। सरकारी शिक्षा सकून से पाने की उम्मीद करना बेमानी है। जहां स्कूल हैं वहां मास्टर नहीं, जहां मास्टर है वहां इमारत नहीं।
विकासखंड धौलादेवी के दूरस्थ क्षेत्र में स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गल्ली भी ऐसे ही स्कूलों की कतार मे से एक है। इसका उच्चीकरण होने के 5 साल बाद भी स्कूल का अपना भवन नही है। जबकि यहां डेढ सौ से ज्यादा छात्र-छात्रांओं का दाखिला है। स्कूल भवन न होने के चलते पठन पाठन का कार्य प्रभावित हो रहा है।
ऐसा नहीं कि जिम्मेदार पॉवरफुल लोगों को पता न हो कई बार अवगत कराने के बावजूद भी भवन निर्माण सामग्री मैदान में धक्के खा रही है। अभिभावक संघ के पदाधिकारी कहते हैं कि मजबूरी में विद्यालय को जूनियर हाईस्कूल के पुराने भवन में ही संचालित करना पड़ रहा है। जबकि स्कूल के पुराने भवन हालत बेहद नाजुक है।
हालांकि स्कूल भवन के लिए धनराशि स्वीकृत हो चुकी है जिस जमीन पर स्कूल को बनना है उसे भी समतलीकरण कर मैदान की शक्ल दी जा चुकी है लेकिन ठेकेदार काम कब शुरू करेगा इसका पता नहीं है। ठेकेदार के रवैए और अपने बच्चों की फजीहत से परेशान अभिभावकों ने जिलाधिकारी को ज्ञपान प्रेषित किया है जिसमे स्कूल भवन निर्माण का कार्य तत्काल आरम्भ किये जाने की मांग की गई है। देखते हैं क्या होता है ठेकेदार काबू में आता है या मासूम यूं ही बेबसी की हालत में पढाई करते हैं।