चम्पावत- उत्तराखंड सतत विकास कार्यक्रम में गैर सरकारी संगठन(एनजीओ) डायस फाउंडेशन के संस्थापक केशव गुप्ता के व्यवहार से क्षुब्ध होकर अपर जिलाधिकारी (एडीएम) हेमंत कुमार वर्मा ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया। जिलाधिकारी डॉ. इकबाल अहमद ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें साढ़े तीन पेज का इस्तीफा मिला है। वे हैरान है कि इतना जिम्मेदार अधिकारी ऐसा कदम कैसे उठा सकता है। समस्याएं आती हैं, लेकिन इस्तीफा उसका समाधान नहीं है। वे एडीएम को समझाकर इस्तीफा वापस कराने का प्रयास करेंगे। साथ ही इस्तीफे में उल्लेखित कारणों की जांच करेंगे।
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चंपावत से शुरू हुए सतत विकास कार्यक्रम का शनिवार को दूसरा दिन था। जिसमें 16 देशों के डेलीगेट्स भाग ले रहे हैं। बताते हैं कि प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे एनजीओ संचालक के गलत व्यवहार और रातदिन परेशान करने से एडीएम खासे आहत थे। दरअसल प्रशासन ने द डायस फाउंडेशन के साथ इस कार्यक्रम के लिए एमओयू किया है।
इसके तहत फाउंडेशन संस्थापक केशव गुप्ता ने डीएम डॉ. अहमद इकबाल के साथ बैठकर पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा तय की थी। इस बीच डीएम छुट्टी चले गए और कार्यक्रम कराने का पूरा जिम्मा एडीएम हेमंत कुमार वर्मा को सौंप गए। डीएम के छुट्टी जाने के बाद फाउंडेशन संस्थापक केशव गुप्ता ने कार्यक्रम को लेकर अफसरों से मनमाना व्यवहार शुरू कर दिया। उन्होंने तीन दर्जन से अधिक गाडिय़ां अपने कब्जे में लेते हुए डेलीगेट्स को उपलब्ध करा दीं।
इससे कई अधिकारी कार विहीन हो गए। उच्चपदस्थ सूत्र बताते हैं कि एनजीओ संस्थापक ने एडीएम वर्मा से भी मताहत की तरह व्यवहार किया। ऐसे में कार्यक्रम अव्यवस्थित हो गया, जिसे संभालने की कोशिश में एडीएम वर्मा की तबीयत तक बिगड़ गई। शुक्रवार को कलेक्ट्रेट दफ्तर में बैठने के दौरान ही उनकी नाक से खून निकला था। चिकित्सक को दिखाया तो बताया कि कई दिनों से नींद पूरी नहीं हो पाने के कारण ऐसा हुआ है। डॉक्टर ने उन्हें आराम की सलाह दी।
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शुक्रवार को जब कार्यक्रम का शुभारंभ होना था उससे पूर्व रात्रि में ही फाउंडेशन सदस्यों ने डेलीगेट्स की छोटी-छोटी सुविधा के लिए रात भर अधिकारियों को फोन कर दौड़ाया। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि एडीएम वर्मा ने उच्चाधिकारियों को अव्यवस्थित कार्यक्रम और अभद्र व्यवहार होने से अवगत भी कराया था, मगर कोई समाधान नहीं होता देख शनिवार को एडीएम ने जिलाधिकारी को संबोधित अपना इस्तीफा मुख्य प्रशासनिक अधिकारी को देकर अपने आवास पर चले गए। आवास में जाने के बाद एडीएम ने मोबाइल भी बंद कर दिया। अब एडीएम के इस्तीफे से पूरे प्रशासनिक हमले में हड़कंप मचा है।