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Adi Kailash Yatra आज से हुई शुरू, जानें कैसे पहुंचे आदि कैलाश ?, कौन सा समय है बेस्ट ?

Yogita Bisht
4 Min Read
कैसे पहुंचे आदि कैलाश _ How to reach Adi Kailash_

आदि कैलाश यात्रा आज से शुरू हो रही है। कुमाऊं मंडल विकास निगम संचालित आदि कैलाश यात्रा के पहले दल में 49 यात्री शामिल हैं। इसमें 32 पुरुष, 17 महिलाएं शामिल हैं। आदि कैलाश पिथौरागढ़ जिले में भारत-तिब्बत बॉर्डर पर हिमालयी वादियों के में समुद्रतल से 5,945 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। आदि कैलाश यात्रा (Adi Kailash Yatra) को भारत की सबसे कठिन यात्राओं में से एक माना जाता है। अगर आप यात्रा पर जाना चाहते हैं तो यहां जान लें कैसे पहुंचे आदि कैलाश ?

आज से शुरू हुई आदि कैलाश यात्रा (Adi Kailash Yatra)

आदि कैलाश यात्रा आज से शुरू हो गई है। इसके साथ ही ओम पर्वत यात्रा भी आज से शुरू हो गई है। यात्रा पर जाने वाले पहले दल में कुल 49 यात्री शामिल हैं। जिसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के 13 यात्री हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, गुजरात, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र के दो-दो यात्री और नई दिल्ली में 11, बंगाल के छह यात्री यात्रा दल में शामिल हैं। इसके साथ ही उड़ीसा के भी पांच यात्री पहले दल में शामिल हैं। बता दें कि यात्रा के लिए अब तक पांच सौ यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है।

aadi kailash yatra
Adi Kailash Yatra——–

कैसे पहुंचे आदि कैलाश ? (How to reach Adi Kailash ?)

How to Reach Adi Kailash आदि कैलाश उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में स्थित है। यहां के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम हल्द्वानी है। जबकि नजदीकी एयरपोर्ट पंंतनगर हवाई अड्डा है। हालांकि पिथौरागढ़ में भी हवाई अड्डा है लेकिन वर्तमान में वहां से फ्लाइट का संचालन नहीं किया जा रहा है।

हल्द्वानी पहुंचने के बाद अब यहां से बस या टैक्सी पिथौरागढ़ के लिए ले सकते हैं। टनकपुर रेलवे स्टेशन से भी धारचूला के लिए टैक्सी या बस ले सकते हैं। धारचूला से पांच किलोमीटर का सफर तय करने के बाद तपोवान आता है। जिसके बाद आगे बढ़ने पर आपको रास्ते में मिलता है मालपा गांव। यहां पर आप खूबसूरत झरने का दीदार कर सकते हैं।

कैसे पहुंचे आदि-कैलाश ?
कैसे पहुंचे आदि-कैलाश ?———-

रोमांच के साथ प्राकृतिक नजारों का उठाएं लुत्फ

मालपा से आगे आप गुंजी गांव पहुंचेंगे। लेकिन यहां पहुंचने से पहले रास्ते में आपको मिलेगा सीता पुल। यहां पर आप भारत ओर नेपाल की पहाड़ियों को जोड़ते हुए सीता पुल देख सकते हैं। जो कि लकड़ी का बना हुआ है जो कि हवा मे झूलता हुआ है। यहां से थोड़ा आगे बढ़ने पर आप पार्वती सरोवर पहुंचेंगे। यहां पर आप मशहूर शिव पार्वती मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।

इस सरोवर के पास ही काली मंदिर है। इसी के पास शेषनाग पर्वत और वेदव्यास गुफा स्थित है। यहीं से लोग आदि कैलाश के दर्शन करते हैं। बता दें कि पिथौरागढ़ से 90 किलोमीटर दूर धारचूला पहुंचने के बाद यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण होता है। जिसके बाद उन्हें इनर लाइन परमिट जारी होता है।

Adi Kailash
आदि कैलाश———

आदि कैलाश जाने के लिए बेस्ट समय

आदि कैलाश जाने के लिए हर साल मई में रास्ता खोल दिया जाता है। यहां जाने के लिए बेस्ट समय मई से जून के बीच का रहता है। जुलाई से सितबंर तक मानसून में यहां भारी बारिश होती है। बारिश के कारण अक्सर यहां भूस्खलन हो जाता है। कई स्थानों पर रोड बंद हो जाती हैं। जिस कारण मानसून में यहां जाना सुरक्षित नहीं है।

इसके बाद यहां सितंबर से नवंबर तक जाया जा सकता है। हालांकि अगर इस बीच भी ज्यादा बारिश की चेतावनी मौसम विभाग द्वारा जारी की जाती है तो यात्रियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो इसलिए अक्सर यात्रा धारचूला में रोक दी जाती है। बता दें कि इस यात्रा के लिए आपको खुद को फिट रखना होगा।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।