हर इंसान की पहचान उसके नाम और शक्ल से होती है. इंसान के चेहरे और उसके नाम से ही उनको जाना जाता है। लेकिन बदायूं में कुछ ऐसा हुआ कि एक मासूम से उसका नाम छीन लिया गया और उसके आधार कार्ड पर दर्ज हो गया “मधु का पांचवा बच्चा” इसका पता भी तब चला जब उसके माता पिता उसका एडमिशन कराने गाव के स्कूल में गए. उसको बिना दाखिला दिए ही वापस कर दिया गया है और आधार कार्ड में संशोधन कराने को कहा गया है.
मामला बिल्सी तहसील के गाव रायपुर का है यहां की रहने वाली मधु के पांच बच्चे हैं जिनमें गुड़िया सबसे छोटी है. आज उसकी मां उसका दाखिला कराने गांव के ही सरकारी स्कूल में पहुंची तो प्रधानाध्यापिका ने उसका आधार कार्ड मांगा, जब आधार कार्ड दिया गया तो उसपर बच्ची का नाम देखकर सकते में आ गईं. आधार कार्ड पर बच्ची के नाम की जगह लिखा है कि मधु का पांचवा बच्चा. इसको बड़ी लापरवाही माना जा रहा है.
मधु का कहना है कि आधार कार्ड बनाने वाले कि गलती की सजा बच्ची को मिल रही है क्योंकि उसका एडमिशन नहीं लिया गया.वह अपने सभी बच्चों को पढ़ाना चाहती है क्योंकि वह अनपढ़ है. वहीं, अभी तक इस मामले में किसी प्रकार का प्रशासनिक बयान नहीं आया है जबकि लोग इसे आधार कार्ड बनाने वाले की गलती मान रहे हैं. खुद स्कूल की प्रधानाचार्य ज्योति वार्ष्णेय ने फेसबुक पर आधार कार्ड की कॉपी डालकर लिखा है कि आधार कार्ड बनाने वाले को डूब मरना चाहिए.