पंजाब के एक स्थानीय अखबार के पत्रकार की शुक्रवार को दो पुलिसकर्मियों ने जमकर पिटाई की जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। तस्वीरों को देखकर साफ कहा जा सकता है कि बेरहमी से पिटाई की गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मामला शुक्रवार दोपहर 1:30 बजे का है। रोजाना की तरह एक स्थानीय अखबार के पत्रकार मेजर सिंह पंजाबी एक स्थानीय गुरुद्वारे में दो समूहों के बीच की बैठक कवर करने गए थे। इसी दौरान मोहाली पुलिस स्टेशन फेज-1 के दो सहायक सब इंस्पेक्टर ने उनकी पिटाई कर दी। तस्वी रेंसोशल मीडिया पर वायरल हुई तो दोनों पुलिसकर्मियों को तत्काल संस्पेंड कर दिया गया। वहीं पत्रकार का उपचार चल रहा है।
पत्रकार मेजर सिंह ने बताया कि उन्होंने खुद के पत्रकार होने की जानकारी पुलिसकर्मियों को दी लेकिन उन्होंने एक ना सुनी और एक निजी वाहन में बैठाकर उन्हें मोहाली के फेज-1 पुलिस स्टेशन ले गए। उन्हें जिस वाहन में बैठाया गया उसकी नंबर प्लेट हरियाणा की थी। बताया कि मेरे वाहन से उतरने से पहले ही एएसआई ओम प्रकाश ने उनकी डंडे से पिटाई करनी शुरू कर दी। दोनों मुझे घसीटकर लॉकअप में ले गए, जहां न सिर्फ मुझे प्रताड़ित किया गया बल्कि बेइज्जत भी किया गया। उन्होंने मेरी पगड़ी भी खोल दी। मैं बार-बार उन्हें कहता रहा कि मेरी पगड़ी को हाथ न लगाएं लेकिन उन्होंने मेरी नहीं सुनी। इतना ही नहीं उन्होंने मेरा कंघा भी फेंक दिया।
मेजर सिंह ने कहा कि 22 मई की दोपहर को वह गुरुद्वारे में दो समूहों के बीच एक बैठक को कवर करने गए थे। उन्होंने कहा कि जब मैं वहां पहुंचा, मैंने देखा कि दोनों समूह के 20 से 25 लोग गुरुद्वारे के भीतर एक कमरे में बैठे हैं। कुछ मिनट बाद मैंने एएसआई ओम प्रकाश और अमरनाथ को देखा, जो जसपाल सिंह नामी को कमरे से बाहर ला रहे थे। पुलिस की इस हरकत को देखकर मैंने अपने मोबाइल फोन से इसे रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया और जसपाल से बात करने की कोशिश की। बताया कि इससे पहले कि कुछ कह पाऊं, जसपाल पुलिस के शिकंजे से बचकर भाग गया। हालांकि बाद में उसे पकड़ लिया गया लेकिन उसे वाहन में बैठाने से पहले वह एक बार फिर भाग गया, जिसके बाद उन्होंने मुझे गाली देनी शुरू कर दी और पुलिस थाने ले गए। अगर मोहाली फेज-1 के एसएचओ मंसूर सिंह मुझे बचाने नहीं आए होते तो मैं मर गया होता।
मेजर सिंह ने कहा कि मोहाली पुलिस ने अभी इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की है। उन्होंने कहा कि मेरे बाएं पैर, दोनों बाजुओं और पीठ में गंभीर चोटें आई हैं। मोहाली के एसपी हरविंदर सिंह विर्क ने कहा कि दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है और विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मोहाली के उपायुक्त गिरिश दयालन ने कहा कि उन्होंने मोहाली के एसडीएम जगदीप सहगल को मामले की स्वतंत्र मजिस्ट्रेट जांच करने और तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा है।