देहरादून- सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के जनता दरबार में अपने ट्रांसफर देहरादून करने को लेकर हंगामा करने वाली महिला शिक्षक को धारा 151 के तहत शांति भंग करने के आरोप में चालान कर छोड़ दिया गया है.
दरअसल सीएम आवास में जब आज सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत जनता की समस्याएं सुन रहे थे तो उसी समय उत्तरकाशी जिले के राजकीय प्राथमिक विद्यालय जेस्टवाड़ी मं प्रधानाध्यापिका के पद पर तैनात उत्तरा बहुगुणा ने अपना ट्रांसफर देहरादून किए जाने को लेकर हंगामा खड़ा कर दिया औऱ अभद्र तरीके से जनता दरबार में पेश आने लगी जिसपर मुख्यमंत्री ने शिक्षिका को सस्पेंड करने और गिरफ्तारी का आदेश दिया.
इसी के तहत पुलिस ने महिला को जनता दरबार से हिरासत में लिया और कैंट थाने ले आई. जिसके बाद कुछ ही देर बाज वसंत विहार थाने ले जाया गया. जिसके बाद पुलिस ने महिला का शांति भंग के आरोप में चालान काटा औऱ चलता बनाया.
10 महीने से अनुपस्थित हैं शिक्षिका
सीएम दरबार में हंगामा करने वाली शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा 14 अगस्त से अनुपस्थित चल रही है जिसका संज्ञान अभी भी शिक्षा विभाग ने नहीं लिया औऱ न ही कोई कार्रवाही का ऑर्डर जारी हुआ. लेकिन शिक्षिका का कहना है कि उनकी पति की मृत्यु हो चुकी है और उनके बच्चे देहरादून रहते हैं जिस कारण उनकी देखभाल के लिए कोई है. इसी कारण वह अपना ट्रांसफर देहरादून चाहती है.
सरकार चाहकर भी नहीं कर सकती ट्रांसफर
उत्तरा बहुगुणा भले ही अपना ट्रांसफर देहरादून कराना चाहती हो लेकिन सरकार किसी भी हाल में उत्तरा बहुगुणा का ट्रांसफर नहीं कर सकती है. क्योंकिम तबादला एक्ट इसके आड़े आ रहा है. तबादला एक्ट में स्पष्ट उल्लेख है कि किसी भी जिला कैडर के कर्मचारी का दूसरे जिले में ट्रांसफर नहीं हो सकता है. औऱ अगर होगा भी तो केवल दो मानकों के तहत ही हो सकता है-
पहला- अगर दोनो पति-पत्नी राजकीय कर्मचारी हो और वो एक ही जिले में सेवाएं देना चाहते हों.
दूसरा- अगर यदि कोई कर्मचारी किसी जिले में सेवाएं दे रहा हो औऱ वो विस्थापित हो गया हो तो दूसरे जिले में ट्रांसफर की पात्रता पूरी करेगा.
सस्पेंड पर लगी हुई है सबकी नजरें
जनता दरबार में जिस तरीके से शिक्षिका ने अपनी बात रखी उसकी कई लोग आलोचना कर रहे हों लेकिन जिस तरीके से सीएम ने शिक्षिका को सस्पेंड करने के आदेश दिए उस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं, लेकिन आज पूरे दिन सस्पेंड करने को लेकर कोई कार्यवाही नहीं हुई जिसे कहा जा सकता है कि कहीं न कहीं जनता दरबार में सीएम ने जो सस्पेंड करने की बात कही है उस पर खुद सीएम से लेकर तमाम आला अफसर और सीएम के करीबी इस पर मंथन कर रहे हैं कि महिला को सस्पेंड कर देना चाहिए.
लेकिन देखने वाली बात होगी की आखिरकार महिला शिक्षिका सस्पेंड होती है या नहीं औऱ शिक्षा विभाग अनुपस्थित चल रही शिक्षिका का संज्ञान लेता है या नहीं.