- मनीष डंगवाल
देहरादून: सियासी गलियारों में एक साल बाद होने वाले उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की हलचल अभी से नजर आने लगी है। भाजपा ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत का एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि जो विधायक सर्वे में फिट पाए जाएगा, उसे ही टिकट दिया जाएगा। मतलब साफ है कि वर्तमान विधायकों को फिर से टिकट मिलने की गारंटी नेताओं के हाथ में नहीं, बल्कि सर्वे पर टिकी है। प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान के बाद विधायकों में खलबली मची हुई है।
हर हाल में सत्ता में वापसी
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पेजी नड्डा तीन दिवसीय दौरे पर 5 दिसंबर से उत्तराखंड आ रहे हैं। उनके इस दौरे के दौरान ही चुनावी रणनीति को फाइनल किया जाएगा। यह भी माना जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव समर के लिए अभी से प्रचार अभियान की भी हरी झंडी देंगे। 2022 में भाजपा हर हाल में सत्ता में वापसी करना चाहेगी। इसके लिए तैयारियां भी बड़ी होंगी। सत्ता बचाने के लिए भाजपा कड़े कदम उठाने की तैयारी भी कर चुकी है।
प्रदेश अध्यक्ष की विधायकों को दो टूक
प्रदेश अध्यक्ष ने विधायकों को दो टूक कह दिया है कि जो विधायक पार्टी की ओर से कराए सर्वे में फिट बैठेंगे, उन्हीं को पार्टी टिकट देगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत का कहना है कि चुनाव से ठीक 6 महीने पहले पार्टी सर्वे कराएगी, जिसमें विधायकों के प्रदर्शन को परखा जाएगा, जिन विधायकों की प्रदर्शन ठीक होगा, पार्टी उन्हीं को 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट देगी।
सत्ता बचान मुश्किल चुनौती
भाजपा के लिए 2022 विधानसभा चुनाव में सत्ता बचान मुश्किल चुनौती माना जा रहा है। ये चुनौति इसलिए भी बड़ी हो जाती है क्योंकि उत्तराखंड कि जनता हर बार के चुनाव में सत्ता परिवर्तन कर देती है। अब तक के चुनाव में यही होता आया है। भाजपा के लिए मोदी और अमित शाह की जोड़ी जब से जीत की गांरटी बने हैं, तब से पार्टी जीत के लिए पहला मानक विधायकों के प्रदर्शन को ही मानती है। यानी जिन विधायकों का परफोरमेंस टीक नहीं होगी, उनका टिकट कटना तय है।
सबसे सटीक रणनीति
सरकार बचाने के लिए भाजपा के पास ये सबसे सटीक रणनीति भी है। यही वजह है कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के जीत के मंत्र से सहमत हैं। हरक सिंह रावत का कहना है कि चुनाव एक युद्ध है और युद्ध जीतने के लिए हर प्रयोग करना पड़ता है।
पार्टी मिथक को भी तोड़ देगी
2022 का विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए उत्तराखंड में कई मायनों में खास इसलिए भी है कि यदि पार्टी चुनाव जीतती है तो पार्टी उस मिथक को भी तोड़ देगी, जिसके तहत माना जाता है कि सत्ताधारी दल उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाता है। ऐसे में देखना यही होगा कि जब 2022 के विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों के नामों का ऐलान होगा, तो क्या भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की हालिया राय पर कायम रहेगी या फिर टिकट बंटते-बंटते मानक बदल जाएंगे।