देहरादून : समाज कल्याण विभाग के अंतरधार्मिक विवाह को लेकर जारी विज्ञप्ति मामले में उत्तराखंड सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है। सीएम त्रिवेंद्र रावत ने मामले का संज्ञान लिया था। उन्होंने जांच कराने की बात कही थी। अब इस मामले में मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने समाज कल्याण विभाग के सचिव को जांच के आदेश दिए हैं। जहां देशभर में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की बातें कही जा रही हैं। कई राज्यों ने इस दिशा में कदम भी बढ़ा दी हैं। वहीं, उत्तराखंड में अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन योजना को लेकर टिहरी जिले के समाज कल्याण अधिकारी ने नोट जारी कर दिया था।
नोट के सामने ने के बाद देशभर में उत्तराखंड सरकार की खूब आलोचना हुई, जिसके बाद सीएम त्रिवेंद्र ने इसको लेकर सख्त रुख अपनाया था। लव जिहाद को लेकर छिड़ी बहस के बीच टिहरी जिले में अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन को लेकर प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी की सक्रियता सरकार को खटक रही है।
टिहरी जिले में प्रभारी समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल ने अंतरधार्मिक विवाह योजना के बारे में सार्वजनिक सूचना जारी की थी। समाज कल्याण विभाग में अंतरजातीय के साथ ही अंतरधार्मिक विवाह के लिए बतौर को प्रोत्साहन राशि 50 हजार रुपये देने का प्रविधान है। पिछली कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में यह राशि 10 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की थी। सूचना के जारी होने के बाद बवाल मच गया था।
सरकार वर्ष 2018 में ही उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता कानून लागू कर चुकी है। इसमें जबरन, प्रलोभन, जानबूझकर विवाह या गुप्त एजेंडे के जरिये धर्म परिवर्तन को गैर जमानती अपराध घोषित किया गया है। इस कानून के बावजूद अंतरधार्मिक विवाह के लिए प्रोत्साहन राशि को लेकर सोशल मीडिया में वायरल सूचना के बाद सरकार को किरकिरी झेलनी पड़ी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मामले में मुख्य सचिव को जांच कराने के आदेश दिए थे। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि समाज कल्याण सचिव एल फैनई को उक्त प्रकरण की जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।