देहरादून : कोरोना काल में कई आयोजन नहीं हो पाए। आने वाले कई बड़े आयोजनों पर भी इसका खतरा मंडरा रहा है। धार्मिक लिहाज से देखा जाए तो हरिद्वार महाकुंभ देश का सबसे बड़ा अयोजन माना जाता है। इसको तय समय पर आयोजित करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं। हालांकि कोरोना के कारण महाकुंभ का स्वरूप भी बदल सकता है।
इस संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अखाड़ा परिषद के संत महात्माओं से इस संबंध में वार्ता हुई है। सरकार तय समय पर आयोजन की तैयारी में जुटी है। उन्होंने कहा कि 2021 फरवरी में क्या परिस्थितियां बनती हैं, उसके अनुसार उस समय पर कुंभ के प्रारूप को लेकर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर स्थितियां सही नहीं रहती हैं तो 13 अखाड़ों के तीन-तीन लोग प्रतीकात्मक तौर पर ही स्नान करेंगे।
मुख्यमंत्री सचिवालय में मीडिया से बातचीत में कहा कि कुंभ को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की तिथियों के निर्धारण में अहम भूमिका रहती है। मार्च में स्नान होने हैं, जिसको लेकर सरकार तैयारी कर रही है। लेकिन, उससे पहले फरवरी में महाकुंभ पर फिर से चर्चा की जाएगी। कोरोना संक्रमण की स्थिति को परखने के बाद ही आगे का फैसला लिया जाएगा।