काशीपुर: उत्तराखंड पुलिस सूदखोर से डरती है। लोगों को सूद पर पैसा देना वैसे भी अपराध है। जबकि इस सूदखोर के डर एक टेंपो चालक ने मौत को गले लगा लिया। बावजूद पुलिस उसे गिरफ्तार करने से घबरा रही है। पुलिस कर्ज वसूलने के लिए टेंपो चालक को आत्महत्या के लिए विवश करने के आरोपी सूदखोर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने तक को तैयार नहीं है।
मुकदमा दर्ज नहीं होने के कारण गुस्साए ग्रामीणों ने शनिवार दोपहर तक आरोपी की गिरफ्तारी न होने पर थाने में ही धरना शुरू कर दिया। इससे पहले देर रात तक लोगों ने थाने का घेराव किया और जमकर हंगामा किया। तीन सितंबर की रात नारायणनगर निवासी टेंपो चालक धर्मेंद्र कुमार उर्फ बिट्ठल ने अपने घर के दोमंजिले पर स्थित कमरे में कुंडे से लटककर आत्महत्या कर ली थी।
उसकी पत्नी का आरोप है कि सूदखोर की प्रताड़ना से दुखी होकर उसके पति ने आत्महत्या की है। चांदनी का कहना है कि उसके पति ने चार साल पहले शंकरपुरी निवासी एक युवक से 20 हजार रुपये ब्याज पर लिए थे। सूदखोर ने तीन चेकों और एक ब्लैंक स्टांप पेपर पर उसके पति के हस्ताक्षर करा लिए थे। दिसंबर 2017 तक धर्मेंद्र सूदखोर को 20 हजार रुपये मूल के अलावा करीब 50 हजार रुपये ब्याज के रूप में दे चुका था।
इसके बाद भी सूदखोर से उसकी तरफ 1.50 लाख रुपये और निकाल दिए। रकम न लौटाने पर उसने मकान अपने नाम कराने और कोर्ट केस करने की धमकी दी थी। इसी से परेशान होकर उसने आत्महत्या कर ली। आरोप है कि उसने कई और लोगों को भी ब्याज पर रकम दी हुई है।