देहरादून: मशहूर अभिनेता इरफान खान अब इस दुनिया में नहीं रहे। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री और रंगमंच को ऐसी यादें दी हैं, जो शायद ही कभी किसी के जेहन से मिट सकेंगे। उनके डायलाॅग, एक्टिंग, जिंदादिली और यारी हमेशा याद रहेगी। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर राष्ट्रपति और विपक्ष समेत खेल जगत ने शोक जताया है। ये साबित करता है कि इरफान खान कितने बड़े अभिनेता थे। यादों की बात करें तो उत्तराखंड से उनकी कई यादें जुड़ी हैं, लेकिन एक याद ऐसी भी है, जिससे उनको बेहद लगाव था।
फिल्म अभिनेता इरफान खान के निधन से रामनगर क्षेत्र में भी शोक की लहर है। इरफान प्रकृति प्रेमी थे। इरफान कॉर्बेट पार्क में पहली बार 2016 में सपरिवार आए थे। स्वालदे स्थित आनंद रिसॉर्ट में वह सात साल से लगातार आ रहे थे। रिसॉर्ट मालिक कमलनयन त्रिपाठी ने बताया कि वह हर साल अपनी पत्नी सुतापा, बेटे बाबिल और अयान खान के साथ आते थे और यहां रहते थे।
पान सिंह तोमर के लिए 2013 में नेशनल अवॉर्ड मिलने के बाद वह दिल्ली से सीधे रिजॉर्ट आए थे। पिछले डेढ़ साल से बीमारी के कारण रिसॉर्ट नहीं आ पा रहे थे। त्रिपाठी ने बताया कि तीन दिन पहले ही फोन पर उनसे बात हुई थी। त्रिपाठी ने बताया कि रिर्जाट में इरफान की एक निशानी रह गई है। इरफान ने नेशनल अवार्ड मिलने के बाद रिसॉर्ट में कचनार का पौधा रोपा था, जो अब पेड़ बनकर खड़ा है। यही इरफान की निशानी है, जिससे उनको बेहद लगाव था।
पान सिंह तोमर से लेकर अन्य फिल्मों की शूटिंग भी उन्होंने उत्तराखंड में ही की थी। उनके सबसे करीबी दोस्त तिगमांशु धूलिया भी उत्तराखंड के कोटद्वार के हैं। दोनों ने साथ में कई फिल्में बनाई और हर फिल्म ने बड़े पर्दे पर सफलता हासिल की थी। आज इरफान के जाने के पर तिग्मांशु बेहद दुखी हैं।