उत्तरकाशी : पहाड़ों में शराब तस्कर काफी एक्टिव हैं। मैदान से लेकर पहाड़ों तक शराब तस्करों का जाल बिछा रखा है। हैरान कर देने वाला मामला थाना बड़कोट से आया जब रात को चेकिंग के दौरान पुलिस ने 150 पेटी शराब जब्त की लेकिन इसका पता नहीं चल पाया है कि आखिर ये शराब का जखीरा कहां से लाया गया था और कहां ले जाया जा रहा था। सवाल ये भी है कि इसके पीछे कौन शामिल है और किसका हाथ है। अभी तक पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा है। ये बड़कोट पुलिस के लिए पहेली बन गया है जिसे सुलझाने की कोशिश की जा रही है।
आपको बता दें कि बीते दो दिन पहले रात को पुलिस ने चेकिंग के दौरान शराब का जखीरा बरामद किया और एक को गिऱफ्तार किया। साथ ही इस कामयाबी के लिए एसपी पंकज भट्ट ने पुलिस टीम को ढाई हजार रुपये देने की घोषणा की। लेकिन पुलिस के सामने सवाल ये है कि आखिर ये शराब कहां से लाई गई और कहां ले जाई जा रही थी।
सवाल ये है कि आखिर इतना बड़ा शराब का जखीरा का सप्लायर कौन है। आबकारी विभाग से भी इसमे पूछताछ की जा रही है लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा है। पुलिस यहां से वहां घूम कर पूछताछ कर रही है ताकी इसके असली आका तक पहुंचा जा सके।
विभाग एफएल टू के रेकार्ड खंगाल रही है और खुफिया तंत्र को सक्रिय कर जानकारी जुटाई जा रही है। जिला आबकारी अधिकारी प्रतिमा गुप्ता ने बताया कि जिस तरह से शराब के परमिट में कूट रचना की गई है। उन्हें लगता है कि ऐसे प्रकरण में कोई बहुत बड़ा गिरोह काम कर रहा है। जो इस तरह से फर्जी कागज बनाकर शराब की अवैध तस्करी कर रहा है।
डीईओ ने बताया कि आबकारी आयुक्त ने एक आदेश में कहा है कि दुकानदार स्वयं ऑनलाइन अप्रूवल लेकर एफएल टू गोदाम से शराब की निकासी बना सकता है। ऐसे में तस्करी की संभावना बढ़ जाती हैं। इस प्रकरण को देख उन्होंने नया आदेश जारी किया है, जिसके मुताबिक अब दुकानदार उनके कार्यालय से मुहर लगाने के बाद ही गोदाम में निकासी बनाने जाएगा।
बड़कोट पुलिस के लिए इसका खुलासा करना औऱ असली आका तक पहुंचना एक पहेली बना हुआ है। पुलिस जांच में जुटी है। देखने वाली बात होगी कि आखिर पुलिस कब तक इसके पीछे के आरोपियों को ढूंढती है और गिरफ्तार करती है।