ओडिशा: बारिश में जल भराव की खबरें आम बात हैं। बाढ़ आने से गले-गले तक पानी आना भी सामान्य बात हो जाती है, लेकिन ओडिशा के ढेंकनाल जिले के राठियापाल प्राथमि विद्यालय की शिक्षिक बिनोदिनी पिछले 11 सालों से गले तके पानी में उतरकर बच्चों को पढ़ने स्कूल जाती हैं।
उनको हर साल बारिश के दौरान सापुआ नदी को पार करना पड़ता है। हौसला ऐसा कि बीमार होने के बावजूद कभी स्कूल जाना नहीं छोड़ा। उनके विद्यालय में कुल 53 विद्यार्थी हैं। बिनोदिनी 2008 से गण शिक्षक के रूप में संविदा पर तेनात हैं। बिनोदिनी के घर जरियापाल गांव से राठियापाल प्राइमरी स्कूल की दूरी तीन किलोमीटर है। उनको 7000 रुपये प्रति माह का वेतन मिलता है।
उनका कहना है कि मेरे लिए काम किसी भी चीज से ज्यादा मायने रखता है। मैं घर पर बैठकर क्या करूंगी। 11 साल से नदी पारकर स्कूल जा रही हैं। सरकार ने कुछ साल पहले नदी पर 40 मीटर लंबा पुल बनाने का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन इसे अभी तक अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। भारी बारिश में कई बार उनको गले तक डूबे पानी में जाना पड़ता है।