नई दिल्ली: भाजपा के लिए पिछले साल से इस साल अगस्त माह तक एक साल की अवधि में कई बुरे दिन आए। पार्टी ने एक के बाद एक अपने कई नेता खो दिए। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर अरुण जेटली तक भाजपा के चार सिजारों ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी लंबी बीमारी के बाद 16 अगस्त 2018 को उनका देहांत हो गया था। कैंसर से पीड़ित पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का इसी साल 17 मार्च को निधन हो गया। छह अगस्त 2019 को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी लंबी बीमारी से लड़ने के बाद अचानक छोड़कर चली गई। और अब पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का भी निधन हो गया।
2014 से 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में सुषमा स्वराज के पास विदेश मंत्रालय की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी थी। पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर कैंसर से जिंदगी की जंग हार गए थे। उन्होंने बीमारी की हालत में ही गोवा का बजट पेश किया था। उन्हीं के कार्यकाल में भारतीय सेना ने उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। इसी साल भाजपा के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना का भी निधन हुआ था। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता बाबूलाल गौर का देहावसान भी अगस्त 2019 में ही हुआ।