नैनीताल: सियाचिन में तैनात भारतीय फौज के लिए नई तकनीक से बनी माइनस 25 डिग्री से कम तापमान को झेलने वाली वर्दी न दिए जाने का मामला अब नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गया है. मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, रक्षा मंत्रालय और आर्मी को सुविधाएं देने वाले विभाग को नोटिस जारी किया है. साथ ही 4 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
आपको बता दें कि हरिद्वार निवासी राजेंद्र मोहन डबराल ने इस मुद्दे को उठाते हुए जनहित याचिका की थी,. जिसमे उन्होंने सियाचिन में तैनात फौज को 2010 की तकनीक पर बनी वर्दी देने की बात कही गई है. वहीं इसके बाद कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय और भारत सरकार से जवाब मांगा है.
दायर याचिका में याचिकाकर्ता ने अमेरिका और नाटो की सेना की तर्ज पर भारतीय फौजियों को स्नोसूट उपलब्ध कराने की मांग की है. याचिका कर्ता का कहना है कि फौजी सियाचिन के ठंडे मौसम में माइनस 25 डिग्री तापमान में रहकर सीमा की सुरक्षा करते हैं. लिहाजा, सैनिकों के लिए नई तकनीक की वर्दी होनी चाहिए, जिससे सैनिक देश की सुरक्षा करने के साथ-साथ खुद भी ठंड से बच सकें.