हमेशा अपनी निर्णय से विवादों में रहने वाले उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री दिनेश धनै एक बात फिर भ्रष्टाचार की गंगा मे खड़े नजर आ रहे हैं।
ताजा खबर के हिसाब से केंद्र की योजना से उत्तराखंड के चार पर्यटन सर्किट को डेवेलप करने के लिए 83 करोड़ रूपये की मंजूरी आयी जिसको मंत्री जी ने तमाम नियम कायदे कानून किनारे रख कर किस तरह से किनारे लगाया हम आपको बताते हैं।
क्या है योजना
ये योजना 83 करोड़ रुपये से उत्तराखंड के चार स्थान कटारमल ,देवीधुरा,जागेश्वर और बैजनाथ को टूरिस्ट स्पॉट के रूप में डेवेलप करने के लिए केंद्र सरकार की योजना का हिस्सा है जिसका पैसा उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद् को केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया है जिस से इन् चारों स्थानों को टूरिस्ट सर्किट के रूप मे विकसित किया जाना है।
क्या हैं नियम और शाशनादेश
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद् का नियम और शाश्नादेश ये बताता है की केंद्रीय यौजना का कोई भी पैसे का काम या तो केंद्र सरकार द्वारा नामित एजेंसी करेगी या फिर उसको ओपन टेंडर के माध्यम से दिया जाएगा , मगर मंत्री जी ने इन् नियमो को भी दरकिनार कर दिया ,मंत्री जी की फुर्ती देखिये कि जिस दिन प्रस्ताव बना उसी दिन नीचे से ऊपर तक सब साइन होकर काम भी आवंटित कर दिया गया ,तमाम नियम कायदे मंत्री जी के टिहरी के घर की धूल साफ़ करते दिए।
सब खेल फिक्स था , एजेंसी से लेकर यूनिट तक
इस मामले मे मंत्री जी ने पहले से ही सब सेट कर रखा था , काम आया , हाथ के हाथ उसी दिन फाइल हुई , फाइल पर नीचे से ऊपर तक साइन उसी दिन हो गए , मंत्री जी ने अपने हाथ से लिखा की काम उत्तर प्रदेश निर्माण निगम की यूनिट -२ देहरादून को आवंटित किया जाता है , यानि कि कार्यदायी संस्था ही नहीं उसकी यूनिट तक सब पहले से फिक्स था , जिस एजेंसी को बार बार भ्रष्टाचारी का तमगा मिलता हो वही एजेंसी और उसकी यूनिट तक का सब फिक्स होना ये बताने के लिए काफी है की मंत्री जी की मंशा क्या है और असली खेल क्या है।