देहरादून (मनीष डंगवाल): उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार पहाड़ को पहला नगर निगम देने की तैयारी में है। अब तक के जितने भी नगर निगम हैं वो मैदानी शहरों में ही बनें हैं। श्रीनगर गढ़वाल को शिक्षा के हब के रूप में जाना-पहचाना जाता है। उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल का नाम आते ही शिक्षा के हब के रूप में इस पहाड़ी नगरी का नाम जुबां पर आ जाता है। हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यााल, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेडिकल काॅलेज, पाॅलीटेक्निक काॅलेज के साथ एनआईटी परिसर और उत्तराखंड तकनीकि शिक्षा का मुख्यालय जैसे बड़े शिक्षा के हब श्रीनगर गढ़वाल की शान हैं। अब इन पहचानों के अलावा श्रीनगर को पहले पहाड़ी नगर निगम के रूप में नई पहचान मिलने जा रही है।
धन सिंह रावत ने दिया था प्रस्ताव
त्रिवेंद्र सरकार ने श्रीनगर गढ़वाल को नगर पालिका से नगर निगम बनाए जाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। शहरी विकास विभाग ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं। जल्द ही त्रिवेंद्र कैबिनेट श्रीगर गढ़वाल को नगर निगम बनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान करने वाली है। श्रीगनर के विधायक और त्रिवेंद्र सरकार में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत का कहना कि पहाड़ का सबसे बड़ा केंद्र श्रीनगर गढ़वाल है। उनका कहना है कि श्रीनगर को नगर निगम बनाने के लिए उन्होंने प्रस्ताव शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को भेजा है।
जल्द लगेगी मुहर
त्रिवेंद्र सरकार में धन सिंह रावत को सरकार में ताकतवर मंत्री माना जाता है। इसी का नतीजा है कि जो प्रस्ताव उन्होंने शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को सौंपा, उस पर मुहर लग चुकी है। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का भी कहना कि जल्द ही कैबिनेट श्रीनगर को नगर निगम को दर्जा देने की घोषणा कर देगी।
विकास को मिलेगी गति
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि श्रीनगर के विकास को देखते हुए उन्होंने ये प्रस्वात शहरी विकास मंत्री को दिया और खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी चाहते हैं कि श्रीनगर नगर निगम बने। श्रीगनर के नगर निगम बनने से श्रीनगर के विकास के लिए बजट 100 करोड़ रूपये तक पहुंच सकता है। नगर निगम बनने से विकास कार्यों के लिए करीब 100 करोड़ तक का बजट मिल सकता है। जिससे विकास कार्य तेजी से होंगे।
4 जून को होने वाली कैबिनेट में लग सकती है मुहर
श्रीगनर नगर पालिका विस्तार त्रिवेंद्र सरकार आने के बाद एक बार हो चुका है और अगर श्रीनगर नगर निगम बनता है तो श्रीगर नगर निगम का विस्तार बड़े स्तर पर होगा। सूत्रों की मानें तो धारी देवी से लेकर कीर्तिनगर तक के क्षेत्र को श्रीनगर नगर निगम में शामिल किया जाएगा। जनसंख्या की बात करें तो प्रस्तावित क्षेत्र की जनसंख्या करीब 75 हजार के आस पास होगी। अटकलें लगाई जा रही हैं कि आचार संहिता समाप्त होने के बाद पहली बार 4 जून को होने जा रही त्रिवेंद्र कैबिनेट में इस पर मुहर लग सकती है।