देहरादून : उत्तर प्रदेश का मोस्टवाण्टेड और दो लाख के ईनामी बदमाश कौशल कुमार चौबे को एसटीएफ टीम ने बीते दिन 29 मई को रिस्पना हरिद्वार बाईपास से गिरफ्तार करने में सफलता पाई. पुलिस ने मौके से आरोपी के पास से एक विदेशी ग्लाॅक पिस्टल .40 मय 57 जिन्दा कारतूस औऱ 04 मैगजीन व एक फोल्डिंग बट बरामद किया. आपको बता दें कि कौशल पर कम से कम 7 हत्याओं सहित अटेंप टू मर्डर का आरोप है जो कि 14 साल से फरार चल रहा था औऱ ठिकाने बदल-बदल कर अलग-अलग राज्यों में रह रहा था.
उत्तराखंड में छुप के रह रहे बाहरी राज्यों के कई अपराधी
दरअसल कुछ समय पहले एसटीएफ को सूचना मिल रही थी कि उत्तर प्रदेश के कुछ शातिर और ईनामी अपराधी उत्तराखण्ड में छुप कर रह रहे हैं. इस सूचना पर पुलिस उप महानिरीक्षक रिधिम अग्रवाल ने एसटीएफ की एक टीम का गठन कर उक्त सम्बन्ध में कार्यवाही करने के लिए लगाया गया। टीम द्वारा कार्यवाही करते हुए उत्तर प्रदेश के कुछ शातिर और ईनामी अपराधियों को चिन्हित किया गया साथ ही उनके व उनके परिवार और उनसे सम्पर्क करने वालों व्यक्तियों के सम्बन्ध में जानकारी ली.
जमीन रजिस्ट्री से आया पकड़ में
बीते एक महीने से एसटीएफ उत्तराखण्ड एैसे कुख्यात अपराधी की तलाश में थी जो कि अपराधियों की शरण स्थली बने उत्तराखण्ड के हरिद्वार, देहरादून तथा ऋषिकेष के विभिन्न बैंकों में अपराधी के सम्बन्धियों के बैंक एकाउण्टों, केबिल कनेक्शनों, पानी व बिजली के कनेशनों और जमीन सम्बन्धित सम्पत्तियों की रजिस्ट्रियों की निगरानी कर जानकारी इकट्ठा की जा रही थी। इसी कार्यवाही के दौरान उत्तर प्रदेश के एक कुख्यात ईनामी अपराधी कौशल कुमार चौबे पुत्र स्व0 कमल नाथ चैबे निवासी चैन, छपरा थाना हल्दी, जनपद बलिया, उत्तर प्रदेश के बारे में अहम सुराग हाथ लगे.
रिस्पना पुल के पास से किया गिरफ्तार
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए 29 मई को देहरादून के थाना नेहरूकालोनी क्षेत्रान्र्तगत हरिद्वार बाई पास रोड पर रिस्पना के समीप स्थित एक होटल के सामने से गिरफ्तार किया गया. मिली जानकारी के अनुसार अपराधी अपने बेटों कीर्तिमान और दीप्तीमान से मिलने के लिए देहरादून आ रहा था।गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपी के पास से एक विदेशी ग्लाॅक पिस्टल .40 मय 57 जिन्दा कारतूस और 04 मैगजीन व एक फोल्डिग बट बरामद किया गया।
गांव के झगड़े में पिता को मारी थी गोली इसलिए की हत्या- आरोपी
पूछताछ में आरोपी कौशल ने बताया कि यूपी बलिया टेजरी के हेड ऑफिस में एकाउण्टेन्ट के पद पर कार्यरत था। इसके परिवार के लोगों का ग्राम प्रधान को लेकर गाॅव में झगड़ा हो गया था, इसी झगड़े में विपक्षीगण ने उसके के पिता को गोली मारी थी लेकिन वह बच गया था. कौशल ने बताया की इसी रंजिश में उसने अपने विपक्षी पप्पू चौबे पर गोली मारी थी लेकिन वह बच गया। कौशल कुमार चौबे ने बताया कि बाद में कोर्ट में सरेण्डर कर दिया और बाद में जमानत पर रिहा हो कर जेल से बाहर आ गया था। जेल से बाहर आने पर कौशल कुमार चौबे का पप्पू चौबे से आपसी समझौता हो गया था लेकिन कुछ दिनों बाद पप्पू चौबे की हत्या हो गई थी जिसमें कौशल कुमार चौबे नामजद होने पर उसको गिरफ्तार कर लिया गया था।
ग्राम प्रधान के चुनाव में दोबारा परिवार के विवाद शुरु हुआ, चाचा ने किया भाई पर हमला- कौशल
इसी मामले में जमानत पर बाहर आने के बाद ग्राम प्रधान के चुनाव में दोबारा परिवार के विवाद शुरु हो गये और विवाद में कौशल चौबे के चाचा दुर्गादीन चौबे ने कौशल चौबे के भाई अजित चौबे पर फायर कर दिया था जो की बच गया था लेकिन अजीत चौबे ने अपने चाचा दुर्गादीन की हत्या कर दी थी। जमानत पर आने के बाद कौशल चैबे ने पप्पू सिंह नाम के एक व्यक्ति के साथ मिलकर बलिया (माॅझी) पीडब्ल्यूडी में ठेकेदारी का काम शुरू किया लेकिन हिस्सेदारी को लेकर पप्पू सिंह और कौशल चौबे के बीच विवाद हो गया था, बाद में पीडब्लूडी के उस ठेके को कौशल चौबे ने अकेले ही ले लिया था। इसी बात को लेकर पप्पू सिंह कौशल चौबे से आपसी रंजिश रखता था। इसी दौरान पप्पू सिंह का किसी इंजीनियर से विवाद होने के कारण पप्पू सिंह ने एक इंजीनियर को रेलवे स्टेशन पर मरवा दिया था जिसमें व एक पुलिस कर्मी की भी हत्या हुई थी।
पप्पू सिंह और कौशल चौबे के भाई अजीत, अरूण चौबे के बीच टेण्डर को लेकर मारपीट और फायरिंग
2004 में बलिया पीडब्लूडी ऑफिस में एक टेण्डर प्रक्रिया के दौरान पप्पू सिंह और कौशल चौबे के भाई अजीत चौबे , अरूण चौबे के बीच टेण्डर को लेकर मारपीट और फायरिंग हो गई थी, जिसमें पप्पू सिंह के ग्रुप के चार व्यक्तियों की हत्या हो गई थी और कौशल चौबे का भतीजा शेरा चौबे भी घायल हो गया था, जिसे कौशल चौबे का बेटा अंषुमन चौबे इलाज के लिये अस्पताल ले गया था। इसी दिन पुलिस से हुई मुठभेड़ में कौशल चौबे का बेटा अंषुमन मारा गया था। इसी रंजिश के कारण कौशल चौबे के भाई शैलेन्द्र कुमार चौबे की भी हत्या हो गई थी औऱ इसी रंजिश के चलते कौशल चौबे के भाई अरूण कुमार चौबे के साले ने पप्पू सिंह गु्रप के दो व्यक्तियों की हत्या कर दी थी।
2004 में बलिया में पीडब्लूडी के मामले के बाद आरोपी ने छोड़ दिया था घर
वहीं 2004 में बलिया में पीडब्लूडी के मामले के बाद से ही अपराधी कौशल कुमार चौबे ने अपना घर छोड़ दिया था और पुलिस की गिरफ्तारी के डर से छिप कर रह रहा था. कौशल काम की तलाश में हरिद्वार आ गया था। हरिद्वार में पूजा-पाठ का काम करते हुए हरिद्वार से ही बलिया के काम को देखता था। इसी दौरान अपराधी कौशल कुमार शिमला में भी 2-3 साल रह कर ठेकेदारी का काम करता रहा. इसके बाद अपने रहने का ठिकाना बदल-बदल कर भट्टा गांव (मसूरी), नरेन्द्रनगर(टिहरी), नेपाली तिराहा(रायवाला) एवं वर्ष 2019 महीने फरवरी से हरिपुरकलां (रायवाला) में अपनी पत्नी के साथ अपने फ्लैट मे रह रहा था
हिमाचल में भी रहा, STF आई थी गिरफ्तार करने लेकिन नाकामयाब रही
गिरफ्तार अपराधी कौशल कुमार चौबे ने पूछताछ के दौरान बताया कि जब वह शिमला में रह रहा था तब एसटीएफ उत्तर प्रदेश की टीम इसे गिरफ्तार करने शिमला आई थी लेकिन यूपी एसटीएफ की टीम से आमना सामना होने के बावजूद वह निकल कर भाग गया था। इसके अलावा देहरादून-ऋषिकेश में कौशल कुमार चौबे के बेटों के शादी के अवसर भी अपराधी कौशल चौबे की मौजूदगी की सम्भावना को देखते हुए आरोपी कौशल को गिरफ्तार करने की कोशिश की लेकिन उस समय यह नहीं मिल सका। कुख्यात अपराधी कौशल कुमार चौबे के विरूद्व उत्तर प्रदेश में हत्या, बलवा, गैगेस्टर, गुण्डा अधिनियम एवं धोखाधड़ी आदि से सम्बन्धित लगभग 29 मुकदमें पंजीकृत है। अपराधी कौशल कुमार के आपराधिक इतिहास से सम्बन्धित विवरण संलग्न है।
डाक्यूमेन्ट्री फिल्म यू-टयूब पर भी अपलोड
आपको बता दें कि दो लाख के ईनामी कुख्यात अपराधी कौशल कुमार चौबे के आपराधिक इतिहास के सम्बन्ध में एक डाक्यूमेन्ट्री फिल्म यू-टयूब पर भी अपलोड है।
टीम
1-निरीक्षक संदीप नेगी 2-हे0का0 वेद प्रकाष भट्ट 3-कान्स0 लोकेन्द्र सिंह 4-कान्स0 महेन्द्र सिंह
गिरफ्तार अभियुक्त से बरामदगी का विवरणः-
1- एक .40 ग्लांक पिस्टल 2- 04मैगज 3- 57जिन्दा कारतूस एवं एक फोल्डिंग बट