देहरादून। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के लिए भाजपा और कांग्रेस ने रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस जहां क्षेत्रियों दलों के साथ भाजपा को मात देने के लिए रणनीति बनाने पर काम कर रही है वहीं बात अगर भाजपा की करें तो अपने सहयोगी दलों के साथ भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बचाने के लिए जोरों अजमाईश कर रही है। लोकसभा चुनाव से भाजपा ने जहां केंद्र में मोदी सरकार के द्धारा किए गए कार्यों को घर-घर पहुंचाने को लेकर कई कार्यक्रम तय कर दिए हैं. तो वहीं कांग्रेस भाजपा पर सड़यत्र रचने के आरोप भी लगाने लग गई है।
फिल्म पर कांग्रेस को आपत्ति
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर बनी फिल्म एक्सीडेंटल प्राइममिनिस्टर का ट्रेलर रिलीज होने के साथ ही कांग्रेस ने भाजपा पर षड़यंत्र रचने का आरोप लगाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का ओराप है कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी साजिश रचते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर फिल्म बनाकार साजिश रचने का काम किया है।
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का बयान
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना कि फिल्म में झूठे तथ्यों को दर्शया गया है। प्रीतम सिंह ने तो यह तक कह दिया कि जिन लोगों ने ये फिल्म बनाई है वह भाजपा के एजेंट हैं…खास कर अपने बयान से प्रीतम सिंह ने सीधे तौर से अनुपम खैर पर निशाना साधा है जो फिल्म में मनमोहन सिंह का किरदार निभा रहे हैं। फिल्म को लेकर कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं में काफी उबाल है…फिल्म को उत्तराखंड के सिनेमाघरों में लगाएं जाने पर सिनेमा घरों में तोड़ करने की बात कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की जुबान है।
फिल्म में कुछ भी गलत नहीं – अजय भट्ट
एक्सीडेंटल प्राइममिनिस्टर फिल्म को लेकर जहां कांग्रेस ने सवाल खड़े कर दिए हैं वहीं उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को लगता है कि फिल्म में कुछ भी गलत नहीं है. क्योंकि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार संजय बारू ने अपनी पुस्तक में जो चीज लिखी है उन्हे सब मुद्दों को फिल्म में दर्शाया गया है। जहां तक कांग्रेस के आरोपों की बात है तो कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद है…अजय भट्ट का कहना है कि उदाहरण के तौर पर उन्होने अगर फिल्म बनाई है जो उसमें कोई चीज झूठ तो है नहीं जो कुछ है सही है…फिर फिल्म किसी ने भी बनाई हो फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि फिल्म में केवल सच्चाई दिखाई गए है।
2004-2014 के कार्यकाल के फैसलों का जिक्र
पूरी फिल्म 2004 से 2014 के बीच में केंद्रीय राजनीति पर बेस्ड है। ट्रेलर में सोनिया गांधी को सुप्रीम दिखाते हुए, इस कालखंड में हुए सभी फैसले उनकी मर्जी से हुए ये दिखाया गया है। साथ ही न्यूक्लियर डील, कश्मीर मुद्दा, घोटालों की बात की गई है। जिसमें परिवार के सामने सिर झुकाए मनमोहन मजबूर पीएम के रूप में नजर आ रहे हैं।
जनता देगी सही जवाब
एक्सीडेंटल प्राइममिनिस्टर फिल्म को लेकर सियासत शुरू हो गई है…कांग्रेस जहां इस बहाने भाजपा को घेरती हुई नजर आ रही है..वहीं भाजपा फिल्म के जरिए मनमोहन सिंह के रहते प्रधानमंत्री के तौर पर उनके द्धारा निर्णय सोनिया गांधी पर छोड़े जाने का फायदा 2019 के लोकसभा चुनाव में लेना चाहती है.
फिल्म की टाइमिंग पर उठ रहे सवाल
ऐसे में देखना यही होगा कि पहले तो फिल्म रीलिज होने के बाद देश में किस तरह की स्थिति बनती है, और दूसरा ये कि 2019 के लोकसभा चुनाव में जनता इस फिल्म के बहाने भाजपा या कांग्रेस को सबक सिखाती है। लेकिन फिल्म की टाइमिंग पर जरूर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर लोकसभा चुनाव से पहले ही ये फिल्म क्यों रीलिज हो रही है और भाजपा नेता जिस तरह फिल्म को बिल्कुल गलत नहीं ठहरा रहे है तो क्या वास्तव में भाजपा ने ये फिल्म 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति के तहत बनाई है, क्योंकि मनमोहन सिंह का किरदार निभाने वाले अनुमप खैर की पत्नी भाजपा की सांसद भी है।