काशीपुर : काशीपुर की राजनीति में आज उस वक्त भूचाल आया जब काशीपुर में नगर निगम चुनाव में मेयर पद की कांग्रेस प्रत्याशी मुक्ता सिंह और उनके पति रविंद्र सिंह को पुलिस ने दहेज उत्पीड़न के मामले में दोषी पाते हुए गिरफ्तार कर लिया। लेकिन जैसे ही स्थानीय कांग्रेसियों को इसखी खबर लगी कोतवाली में पूर्व सांसद केसी सिंह बाबा और कांग्रेस महानगर अध्यक्ष संदीप सहगल के नेतृत्व में दर्जनों कांग्रेसियों का जमावड़ा लग गया। मुक्ता सिंह और उनके पति की गिरफ्तारी चुनाव के तुरंत बाद होने से गुस्साए कांग्रेसियों ने इसे राजनीतिक दबाव का आरोप लगाते हुए कोतवाली गेट के बाहर ज़मीन पर बैठकर नारेबाजी कर धरना प्रदर्शन किया।
बहू ने लगाया पति, सास औऱ ससुर पर दहेज उत्पीड़न का आरोप
आपको बताते चलें कि नगर निगम में मेयर पद की कांग्रेसी उम्मीदवार मुक्ता सिंह की पुत्रवधू प्रियंका सिंह ने बीते 28 सितंबर 2018 को अपने पति शशांक सिंह, सास मुक्ता सिंह, ससुर रविंद्र सिंह, जेठ अनुराग और जेठानी दीपाली के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करवाया था।
SI मंजू पवार ने शशांक सिंह को छोड़कर बाकी सभी परिजनों के नाम हटा दिए थे चार्जशीट से
जिसके बाद राजनीतिक दबाव के चलते मामले की विवेचना कर रही एसआई मंजू पवार ने शशांक सिंह को छोड़कर बाकी सभी परिजनों के नाम चार्जशीट में से हटा दिए थे। जिसके बाद पीड़िता प्रियंका सिंह के पिता महेश वर्मा ने निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए नवनियुक्त एसएसपी कृष्ण कुमार वीके के दरबार में गुहार लगाई।
SSP ने किया था एसआई मंजू पवार समेत दो उप निरीक्षकों को सस्पेंड
इस पर एसएसपी द्वारा एसआई मंजू पवार समेत दो उप निरीक्षकों को सस्पेंड करते हुए मामले की दोबारा जांच विवेचना सेल के एसआई जय प्रकाश को सौंपी। विवेचना सेल के एसआई जयप्रकाश ने पुनरविवेचना में प्रथम दृष्टया मुक्ता सिंह और उनके पति रविंद्र सिंह को मामले में दोषी पाया। जिसके बाद पुलिस ने निकाय चुनाव का परिणाम आते ही कांग्रेस प्रत्याशी मुक्ता सिंह और उनके पति रविंद्र सिंह को आज कुंडेश्वरी के पास से गिरफ्तार कर लिया।
सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी
मुक्ता सिंह और रविंद्र सिंह की गिरफ्तारी की खबर जैसे ही कांग्रेसियों को लगी। पूर्व सांसद केसी सिंह बाबा और कांग्रेस महानगर अध्यक्ष संदीप सहगल के नेतृत्व में दर्जनों कांग्रेसी कोतवाली पहुंचे और पुलिस पर राजनीतिक दबाव के चलते गिरफ्तारी करने का आरोप लगाते हुए कोतवाली के बाहर धरने पर बैठ गए। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, काशीपुर के विधायक हरभजन सिंह चीमा और विजय भाजपा प्रत्याशी उषा चौधरी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।