किच्छा(मो. यासीन)- घर के मुखिया या यूं कहें कि पिता पर परिवार का, बच्चों के पढ़ाई-लिखाई, पालन-पोषण का भार होता है या यूं भी कहले की सारी जिम्मेदारी होती है. पढ़ाई-लिखाई, खान-पान, कपड़े-लत्ते से लेकर कई और खर्च होते हैं. जो घर के मुखिया को पूरे करने होते हैं. सोचिए कोई कर्ज लेकर बिजनेस करे औऱ उसे घाटा हो जाए या उसे सामान के बदले पैसा न दिया जाए तो उसका क्या होगा. ऐसा ही कुछ हुआ किच्छा के गन्ना किसानों के साथ.
किसाोंन की 64 करोड़ की बकाया राशि का नहीं हुआ भुगतान
किच्छा में गन्ना किसानों का चीनी मिल ने 64 करोड़ का बकायी राशि का भुगतान नहीं किया है जिसके चलते किसानों ने तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मिल प्रबंधन पर किसानों का शोषण करने का आरोप लगाया. आपको बता दें किच्छा शुगर मिल में किसानोें का अभी भी 64 करोड़ रूपए का बकाया होने से किसान परेशान तंग हाल में हैं। किसानों ने भुगतान को लेकर बार-बार मिल पर धरना दिया लेकिन अब तक किसानों को भुगतान नहीं किया गया।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं समेत किसानों का घरना
वहीं सब्र का बांध टूटने पर आज फिर क्षेत्र के सैंकडों किसान तहसील परिसर पर पहुंचे। 64 करोड बकाया भुगतान नहीं किये जाने सेे गुस्साए किसानो ने वरिष्ठ किसान नेता सुरेश पपनेजा के नेतृत्व में दर्जनों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तहसील परिसर पहुंचकर राज्य सरकार के खिलाफ एक दिवसीय संकेतिक धरना प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
7 महीने से भुगतान नहीं किया गया किसानों का भुगतान
इस दौरान वरिष्ठ किसान नेता सुरेश पपनेजा, कांग्रेस प्रदेश महामंत्री गणेश उपाध्याय, कांग्रेस प्रदेश सचिव सरवर यार खान, कांग्रेस पूर्व जिलाध्याक्ष नारायण सिंह बिष्ट एंव कांग्रेस नगराध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि चीनी मिल पेराई सत्र 2018 का गन्ना किसानों का 64 करोड़ का पिछले 7 महीने से भुगतान नहीं किया गया, जिसके कारण किसानों की स्थिति दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है।
बच्चों की फीस भरने औऱ भारण-पोषण तक के लिए नहीं पैसे
उन्होंने कहा कि चीनी मिल 13 मार्च 2018 को बंद हुई थी लेकिन गन्ना भुगतान मात्र 7 फरवरी 2018 तक ही मिला है. भुगतान न मिलने के कारण किसान बेहद दयनीय हालत में हैं ओर बैंकों, सहकारिता के साथ-साथ प्राइवेट कर्जों में डूब गए हैं जिसके बाद कर्ज में डूबा किसान आत्महत्या करने को मजबूर है। किसानों के पास बच्चों की पढ़ाई, परिवार के भरण-पोषण यहां तक कि इलाज के लिए दवाई तक के पैसे औऱ खाने पीने तक के पैसे ने ही क्योंकि वह कर्ज में डूब गए हैं.
कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर किसान का जल्द भुगतान नहीं किया गया तो सरकार के खिलाफ क्षेत्र के किसान एकजुट होकर मोर्चा खोलेंगे। इसके उपरांत तहसीलदार महेंद्र सिंह बिष्ट को मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौपा