कोटद्वार : जिन बकरियों के भरोसे घर का चूल्हा जल रहा था। उन बकरियों को बचाने के महिला गुलदार से जा भिड़ी। जिसमें बाली देवी की मौत हो गर्इ। वन विभाग की ओर से पीड़ित परिवार को सहायता प्रदान की गई है।
दरअसल लैंसडौन वन प्रभाग की दुगड्डा रेंज के अंतर्गत सिलगाड तोक में पड़ने वाले ग्राम जुवा निवासी बाली देवी (50 वर्ष) पत्नी सुरेंद्र सिंह अन्य दिनों की भांति गांव से कुछ दूर खेतों में घास काटने के साथ ही बकरियां चराने गई थी। इसी दौरान गुलदार ने बकरी पर हमला कर दिया। बकरी को बचाने के लिए बाली देवी बिना कुछ सोचे-समझे गुलदार से जा भिड़ी।
कुछ ही दूर खड़े बाली देवी के पति सुरेंद्र सिंह शोर मचाते हुए मौके की ओर भागे, लेकिन जब तक वे मौके पर पहुंचते। गुलदार बाली देवी को गंभीर रूप से घायल कर जंगल की ओर भाग गया। शोर सुनकर गांव के अन्य लोग भी मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक बाली देवी की मौत हो गई।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमन कोटनाला से मिली सूचना के बाद दुगड्डा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी किशोर नौटियाल मय टीम मौके पर पहुंचे, जहां उन्हें ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। कुछ देर बाद राजस्व उपनिरीक्षक संगीता भी मौके पर पहुंच गई व शव का पंचायतनामा भरवा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वन विभाग की ओर से पीड़ित परिवार को नब्बे हजार की तात्कालिक सहायता मुहैया कराई जा रही है। प्रभागीय वनाधिकारी वैभव कुमार सिंह ने बताया कि गांव में कैमरे लगा कर गुलदार की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। साथ ही गांव में वन विभाग की टीम भी तैनात कर दी गई है। बताया कि टीम भी गुलदार पर नजर रखेगी। गुलदार लगातार गांव के आसपास दिखा तो गांव में पिंजरे लगाए जाएंगे।
बाली देवी की मौत के बाद सुरेंद्र सिंह के परिवार की रीढ़ टूट गई है। दरअसल, इस परिवार की मुख्य आर्थिकी कृषि व पशुपालन थी। सुरेंद्र सिंह व बाली देवी मिलकर कृषि व पशुपालन का कार्य करते थे। बाली देवी की मौत के बाद अब परिवार में सुरेंद्र सिंह व उनका पुत्र मुकेश रहे गए हैं।