देहरादून: दून में पली-बढ़ी आरती डोगरा का कद भले ही छोटा हो लेकिन उनकी सोच और जज्बा उससे कई गुना अधिक है. आरती डोगरा अजमेर(राजस्थान) में अपनी मेधा का परचम लहरा रही हैं। साढ़े तीन फुट कद की आरती देशभर की महिला आइएएस के प्रशासनिक वर्ग में मिसाल बनकर उभरी हैं। समाज में बदलाव को लेकर उनके कई मॉडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन को भी भाए हैं। जिस पर पीएम ने उनके कार्यो की प्रशंसा भी की है। इन दिनों आइएएस आरती अपनी मेधा को लेकर सोशल मीडिया पर भी छाई हुई हैं।
राजस्थान कैडर की 2006 बैच की आइएएस है आरती
देहरादून में जन्मी और ब्राइटलैंड स्कूल में पढ़ी आइएएस आरती डोगरा परी इन दिनों सोशल मीडिया में अपने कामों को लेकर चर्चाओं में है। राजस्थान कैडर की 2006 बैच की आइएएस आरती भले ही कद में साढ़े तीन फुट की हैं। लेकिन, अपने प्रशासनिक निर्णयों से राजस्थान ही नहीं बल्कि देशभर में महिलाओं के लिए मिसाल बनी हैं।
स्वच्छता मॉडल ‘बंको बिकाणो’ पर पीएमओ ने की उनकी खूब तारीफ
राजस्थान के बीकानेर, जोधपुर और बूंदी जिलों में कलक्टर रहते हुए आरती ने समाज हित में बड़े फैसले और अपने मॉडल पेश किए तो देश के प्रधानमंत्री भी उनके काम से मुग्ध हो गए। खासकर खुले में शौच से मुक्ति के लिए शुरू हुए उनके स्वच्छता मॉडल ‘बंको बिकाणो’ पर पीएमओ ने उनकी खूब तारीफ की। आइएएस आरती डोगरा विजय कॉलोनी निवासी कर्नल राजेन्द्र डोगरा और मां कुमकुम की इकलौती बेटी हैं। उनकी मां दून के प्राइवेट स्कूल में प्रधानाध्यापिकारही हैं।
आइएएस मनीषा से मिली प्ररेणा
दून में पढ़ाई के दौरान आरती डोगरा की मुलाकात आइएएस और वर्तमान में प्रमुख सचिव मनीषा पंवार से हुई। मनीषा ने आरती की मेधा को देखते हुए उनका हौसला बढ़ाया। आरती के मन में मनीषा की बात छू गई। इसके बाद तो आरती ने दिनरात मेहनत कर अपना लक्ष्य हासिल कर लिया।