देहरादून- शुक्रवार को पेयजल मंत्री प्रकाश पन्त ने देहरादून शहर में अमृत, एडीबी औऱ 13वें वित्त आयोग के अनतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में कराये जा रहे निर्माण कार्यों की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा की. मंत्री प्रकाश पंत ने अमृत योजना के अन्तर्गत अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष व्यय की गई धनराशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र नगर निगम को निर्धारित प्रारूप पर उपलब्ध न कराये जाने के कारण नाराजगी प्रकट की और साथ ही सचिव, पेयजल, प्रबन्ध निदेशक, पेयजल निगम को निर्देशित किया गया कि तीन दिनों के अन्तर्गत व्यय की गई धनराशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र निर्धारित प्रारूप पर योजनावार उपलब्ध कराया जाए.
साथ ही मंत्री प्रकाश पंत ने नगर निगम को निर्देशित किया गया कि सभी कार्यों के लिए उपलब्ध अवशेष धनराशि भी जल्द से जल्द जल निगम को उपलब्ध करा दें। मंत्री प्रकाश पंत ने यह भी निर्देश दिए गए कि उक्त अवशेष धनराशि का उपयोग सर्वप्रथम सड़क मरम्मत के कार्यों के लिए किया जाए ताकि आम जन-मानस को किसी भी प्रकार कोई असुविधा न होने पाये।
बैठक के दौरान मंत्री प्रकाश पतं ने सम्मुख विधायकों को बताया कि अधिकतर क्षेत्रों में बिछाई गई पाईप लाईन एवं सीवर लाईन की कनेक्टिविटी न होने के कारण जनता को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस सम्बन्ध में निर्देश दिए गए कि सर्वप्रथम पूर्व से निर्मित कार्यों को उपयोगी बनाने हेतु छूटे हुए गैप ;डपेपदह स्पदोद्ध को पहले पूर्ण किया जाये तथा शीघ्र हाऊस कनैक्शनों के कार्य करते हुए योजना को जन उपयोगी बनाया जाये।
जिन क्षेत्रों में सीवर लाईन बिछाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है ऐसी लाईनों को तत्काल एसटीपी से जोड़े जाने के निर्देश दिए गए हैं। मा0 विधायकगणों द्वारा यह भी संज्ञान में लाया गया है कि कुछ क्षेत्रों हेतु जो एसटीपी के कार्य निर्मित हो गए हैं उनमें पूर्ण सीवर नहीं आ रहा है, इस कारण एसटीपी का पूर्ण उपयोग नहीं हो पा रहा है। अतः इस सम्बन्ध में निर्देशित किया गया है कि जिस क्षेत्र में सीवर लाईन पुरानी एवं क्षतिग्रस्त हो गई है, ऐसे क्षेत्रों को एडीबी से वित्त पोषण हेतु प्रस्तावित किया जाये। इस हेतु भविष्य में अवशेष क्षेत्रों में प्रस्तावित सीवर लाईन हेतु मास्टर प्लान पेयजल निगम द्वारा तैयार किया जाये, जिसमें निर्मित एवं निर्माणाधीन एसटी0पी0 का सम्पूर्ण उपयोग हो सके तथा सम्पूर्ण नगर क्षेत्र सीवर व्यवस्था से आच्छादित हो सके।
दून नगर निगम मेयर ने अधिकारियों को बताया कि देहरादून में अमृत कार्यों के लिए डेडीकेटेड युनिट का गठन नहीं किया गया है जिस कारण कार्यों के अनुश्रवण में नगर निगम, देहरादून को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। यदि, एक से अधिक डेडीकेटेड यूनिट खोलनी आवश्यक हो तो अमृत कार्यों हेतु पृथक से अधीक्षण अभियन्ता/महाप्रबन्धक स्तर का अधिकारी नियुक्त किया जाये जिस पर मंत्री द्वारा सहमति प्रदान की गई।
बैठक में मेयर विनोद चमोली, विधायक गण हरबन्श कपूर, खजान दास, उमेश शर्मा ‘काऊ’ तथा अरविन्द सिंह हयांकी, सचिव, पेयजल, जिलाधिकारी, देहरादून, अपर सचिव चन्द्रेश कुमार, नगर आयुक्त, प्रबन्ध निदेशक, पेयजल निगम, अधीक्षण अभियन्ता एनएस बिष्ट, एससी पन्त सहित जल संस्थान, लोक निर्माण विभाग, नगर निगम के अधिकारी उपस्थित थे।