चमोली- जनपद में गैरसैंण को उत्तराखंड की स्थाई राजधानी बनाने के जहां प्रदेश भर में आग फैली हुई है वही चमोली के रामलीला मैदान में पिछले करीब 6 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे अनशनकारियों की हालत बिगड़ने पर प्रशासन ने उन्हें जबरन उठाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती करा दिया। इस दौरान पुलिस और धरने पर बैठे लोगों के बीच जमकर झड़प भी हुई।
तीन दिन से खुद को एक कमरे में कैद किया
बताया जा रहा है कि एसडीएम स्मृता परमार के नेतृत्व में प्रशासन से आन्दोलनकारियों की वार्ता सफल नहीं हुई जिसके बाद जबरन उठाये जाने के डर की वजह से अनशनकारियों ने खुद को पिछले करीब तीन दिन से खुद को एक कमरे में कैद कर रखा था और बाहर से ताला लगवा दिया था। भारी पुलिस फोर्स ने मौके पर पहुंच हथौड़े व छेनी से कमरे का ताला तोड़ा और तीन अनशनकारियों की हालत को देखते हुए सीएचसी में भर्ती करवाया।
गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग तेज
इस दौरान सीएचसी गैरसैंण में भी करीब एक घंटे तक अनशनकारियों व प्रशासन के बीच काफी ड्रामा हुआ और फिर से वह धरने पर बैठ गये। काफी मशक्कत के बाद उन्हें वहां से उठाया गया।
विशाल मशाल जूलूस भी निकाला।
गौर हो कि बीते दिनों पहले भी राजधानी दून में गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने के अभियान के तहत लोगों ने विशाल मशाल जूलूस भी निकाला। गांधी पार्क से शुरू हुए जूलूस में भारी संख्या में लोग पहुंचे थे।
लगातार अनशन और भूख हड़ताल जारी
जूलूस में शामिल लोगों ने एक स्वर में गैरसैंण को राज्य की राजधानी बनाने की मांग की। लोगों ने कहा कि प्रदेश की जनता एकबार फिर सड़कों पर उतर आई है और उन्होंने कहा था कि इस बार तो वह गैरसेंण को स्थाई राजधानी बनाकर ही मानेंगे।
बता दें, गैरसैंण को प्रदेश की स्थाई राजधानी बनाने का मुद्दा दिनोंदिन आंदोलन का रूप लेता जा रहा है, अगर ऐसा ही रहा तो वह दिन दूर नहीं जब आंदोलन कोई बड़ा रूप ले ले। सरकार को जरूरत है उस ओर ध्यान देने की और लोगों की मांगें सुनने की।