देहरादून – सूबे में सरकारी स्कूल आम जनता के बीच अपना विश्वास खो चुके हैं। आलम ये है कि सरकारी खाते से मोटी पगार लेने वाले अध्यापक, अफसर और सरकारी मुलाजिम कोई भी अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में नहीं पढ़ाता।
ऐसे में गली मुहल्लों में खुले निजी स्कूलों के दाम भी हाई-फाई हैं। सभी स्कूल मोटी फीस वसूल रहे हैं मजबूरी में अभिभावक भी निजी स्कूलों के शोषण का शिकार हो रहे हैं।
ऐसे माहौल में सूबे के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा है कि सरकार कैबिनेट में ऐसा प्रस्ताव लाने वाली है जिससे निजी स्कूलों की फीस बेलगाम घोडे की तरह अभिभावकों को नहीं रौंद पाएगी।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि जल्द ही सभी निजी स्कूलों की फीस के लिए मानक निर्धारित कर दिए जाएंगे। जिस पर निजी स्कूलों को हर हाल में अमल करना होगा।
वहीं शिक्षा मंत्री ने ये भी कह दिया कि अब आने वाले सत्र में राज्य के सभी सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों में एनसीआरटीई की ही किताबें पढ़ाई जाएंगी।