रुद्रपुर- शहर की दरो-दीवार को देखकर तीन बातों का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। पहली बात कि निकाय चुनाव नजदीक हैं।
दूसरी बात कि रुद्रपुर शहर में स्वच्छ भारत अभियान कोई माएने नहीं रखता और तीसरी बात कि इस नगर में उत्तरांचल लोक संपत्ति विरूपण अधिनियम 2003 के बारे में पोस्टर वाले नेताओं को तो खबर है ही नहीं,वहीं ये बात भी साफ हो गई है कि निगरानी करने वाले अधिकारियों को भी इस कानून में कोई दिलचस्पी नहीं है।
लिहाजा नगर को पोस्टर्स के जरिए बदरंग बनाकर अपनी पीठ-थपथपाने वाले नेताओं का सितम जारी है।ऐसे में रुद्रपुर शहर को नगरनिगम चुनाव लड़ने वाले मेयर व पार्षदी के ख्वाहिशमंदों ने पोस्टरों से पाटकर बदसूरत कर दिया है।
शहर की बिगड़ती सूरत से नाराज रुद्रपुर राइजिंग फाउंडेशन के सदस्यों ने मुख्य नगर अधिकारी जयभारत सिंह का घेराव किया और पोस्टर लगाने वाले नेताओं के खिलाफ उत्तरांचल लोक संपत्ति विरूपण अधिनियम 2003 के तहत कार्रवाही की मांग की है।
तय है कि अगर अधिकारियों ने कड़ा रुख अख्तियार किया तो मेयर और पार्षदी की हसरत पूरी होने से पहले पोस्टर वाले नेताओं को जेल की यात्रा करनी पड़ सकती है। क्योंकि राज्य में लोकसम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 2003 लागू है। जिसके तहत लोकसम्पत्ति खराब करने वालो को एक साल का कारावास हो सकता है।