देहरादून : सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने को लेकर शिक्षा विभाग अब एक पहल करने जा रहा है। जहां एक तरफ बच्चों के ज्ञान की नियमित परख होगी, वहीं उनके प्रदर्शन पर शिक्षकों का रिपोर्ट कार्ड तैयार होगा। शिक्षा मंत्री के निर्देश पर विभाग ने इसे लेकर कवायद शुरू कर दी है।
शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी स्कूलों में मासिक परीक्षा करवाने के निर्देश जारी किए हैं। जिसमें बच्चों के ज्ञान को परखा जाएगा। इस परीक्षा के जरिये बच्चों में एग्जाम का डर कम किया जा सकेगा, वहीं दूसरी तरफ शिक्षकों की सीआर और ट्रांसफर, पदोन्नति को भी इससे जोड़ा जा रहा है। ऐसे में ये एग्जाम बच्चों का ही नहीं शिक्षकों का भी होगा। इसलिए अब शिक्षकों को शिक्षा की गुणवत्ता पर फोकस करना होगा। ताकि बच्चों के रिजल्ट बेहतर हो। आपको बता दें कि मासिक परीक्षा के रिजल्ट पोर्टल पर भी अपलोड किए जाएंगे।
इधर, राजकीय शिक्षक संघ का कहना शिक्षकों की जबाबदेही तय करने से पहले सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के बौद्धिक स्तर को भी जांचना जरूरी है। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष केके डिमरी का कहना है कि हर क्लास के बच्चों का टेस्ट उनका बौद्धिक स्तर तय करता है। इसके लिए स्कूलों में एंट्रेस टेस्ट भी लिया जा सकता है। उन्होंने बताया इससे पहले भी बच्चों की त्रैमासिक परीक्षा ली जाती थी, जो कि ज्यादा सुविधाजनक थी। उन्होंने कहा कि विभाग को मासिक परीक्षा से ज्यादा त्रैमासिक परीक्षा पर ज्यादा फोकस करना चाहिए।