देहरादून – बेशक कहा जाता हो कि नाम में क्या रखा है! लेकिन सूबे में नगर निकाय विस्तार के बाद जारी परिसीमन सूची को देखने के बाद फूट रहे बगावती तेवरोंं बता रहें हैं कि नाम में बहुत कुछ रखा है।
जहां पहले उत्तराखंड में नगर निकायों के विस्तार का विरोध विपक्ष कर रहा था। अब परिसीमन के बाद जारी सूची का विरोध सत्ता पक्ष से जुड़े लोग भी करने लगे हैं।
हालांकि उनका विरोध नामों को लेकर है लेकिन परिसीमन पर आपत्तियां अपना सिर उठाने लगी है। भाजपा नेता जोगिंदर सिंह पुंडीर ने आज परिसीमन के बाद जारी सूची में कावली गांव का नाम हटाए जाने पर नगर आयुक्त को आपत्ति दर्ज कराई है।
पुंडीर का कहना है कि कांवली गांव लोगों की भावनाओं से जुड़ा नाम है और विभाजन के बाद से भी सबसे बड़ी ग्राम पंचायत कांवली ही हुआ करती थी। परंतु अब परिसीमन के बाद कांवली का नाम हटा दिया गया है। जोगिंदर ने इस पर अपनी आपत्ति नगर आयुक्त को सौंपी हैं। वहीं पुंडीर की माने तो नगर आयुक्त ने भी आश्वासन दिया कि अभी जारी सूची अंतरिम नहीं है संशोधन की गुजांइश बाकी है।