चमोली- उस सूबे की सरकार अब लोकायुक्त से कन्नी काटना चाह रही है जिसके लोकायुक्त बिल की कभी पूरे मुल्क मे चर्चा हुई। इतना ही नहीं तत्कालीन सीएम ने ऐसा लोकायुक्त बनाया की मजबूत लोकपाल की वकालत करने वाले अन्ना हजारे ने भी उनकी पीठ थपथपा दी।
आज पांच साल बाद ऐसा वक्त भी आ गया है कि,जब उसी उत्तराखंड राज्य की उसी पार्टी की सरकार के मुखिया को ये कहना पड़ रहा है कि उन्हें नहीं लगता कि उनके राज में ऐसे काम हो रहे हैं जिस पर लोकायुक्त को नकेल कसने की जरूरत पड़े।
गैरसैण के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सूबे के मुख्यमंत्री ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि राज्य में भाजपा सरकार जनआकांक्षाओं को पूरा करते हुए ईमानदारी से काम कर रही है। सीएम त्रिवेंद्र रावत ने केंद्र की मोदी सरकार का हवाला देते हुए कहा कि, केंद्र में भाजपा सरकार को तीन साल पूरे हो चुके हैं लेकिन अब तक सरकार के दामन पर कोई आरोप नहीं लगा है।
सीएम रावत ने कहा सूबे में किसी भी तरह का कदाचार सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। वहीं उन्होने कहा कि सरकार जनता की कसौटी पर खरी उतर रही है। सीएम ने कहा लोकायुक्त की जरूरत उनको होती है जिनके राज में घपले घोटाले हुए हों।
हालांकि उन्होने साफ लफ्जाों ने लोकायुक्त से इंकार नहीं किया लेकिन उनकी भाव-भंगिमाओं और जज्बातों से ऐसा जाहिर हुआ कि मानों सरकार लोकायुक्त से बच रही है और मुमकिन है कि इस सत्र में लोकायुक्त बिल सदन के पटल पर पेश ही न हो।