कफ सिरप को लेकर उठे गंभीर सवालों के बीच उत्तराखंड में खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) सतर्क हो गया है। सोमवार को FDA की ओर से प्रेस वार्ता कर प्रदेशभर में चल रही छापेमारी की जानकारी दी गई। अधिकारियों ने बताया कि जगह-जगह मेडिकल स्टोरों से सैंपल लिए जा रहे हैं और उन्हें जांच के लिए लैब भेजा जा रहा है।
बाहरी राज्यों से भेजे गए 30 सैंपल फेल
FDA ने खुलासा किया कि बाहरी राज्यों से भेजे गए 30 सैंपल फेल पाए गए हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि उत्तराखंड में अब तक इस श्रेणी की कोई प्रतिबंधित दवा सप्लाई नहीं हुई है। इसके बावजूद सतर्कता बरतते हुए क्विक रिस्पांस टीम का गठन किया गया है और देहरादून और रुद्रपुर में दो विशेष लैब स्थापित की गई हैं।
11 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए हानिकारक है दवा
FDA के अधिकारियों ने कहा कि यह दवा 11 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकती है। इसी को देखते हुए FDA ने डॉक्टरों से अपील की है कि बच्चों को ऐसी प्रतिबंधित दवाएं बिल्कुल भी न लिखें। बता दें सभी जिलों में FDA की छापेमारी जारी है। साथ ही इस मामले में बच्चों के माता-पिता को जागरूक किया जा रहा है।
कफ सिरप पीने के बाद दर्जनों बच्चों की हो चुकी है मौत
उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में यह अभियान हाल ही में राजस्थान और मध्य प्रदेश में खांसी की दवा (Cough syrup) के सेवन से बच्चों की मौत की घटनाओं के बाद शुरू किया है। FDA की संयुक्त टीमें प्रदेश के सभी जिलों में मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं और अस्पतालों की औषधि दुकानों पर छापे मारे।
कौन-सी दवाएं प्रतिबंधित हैं?
- दो साल से कम उम्र के बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी प्रकार की खांसी या जुकाम की दवा नहीं दी जानी चाहिए।
- पांच साल से कम उम्र के बच्चों में इन दवाओं का सामान्य उपयोग अनुशंसित नहीं है।
- केवल विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह, सही खुराक और न्यूनतम अवधि के लिए ही इनका उपयोग किया जा सकता है।
- सरकार ने विशेष रूप से Dextromethorphan युक्त सिरप और Chlorpheniramine Maleate + Phenylephrine Hydrochloride संयोजन वाली दवाओं को चार साल से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रतिबंधित किया है।
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