देहरादून : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिश्वतखोरी के आरोप में गाजियाबाद जेल में बंद उत्तर प्रदेश के पीसीएस अधिकारी बीएस ओझा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए चार करोड़ रुपये से अधिक का करीब 17 किलो सोना जब्त कर लिया। यह सोना सीबीआइ की कस्टडी में था।
सीबीआइ ने बीएस ओझा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला तब दर्ज किया था, जब वह उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर में गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लि. (गेल) में सक्षम प्राधिकारी पद पर नियुक्त था। ईडी के राज्य प्रमुख व सहायक निदेशक पीके चौधरी के मुताबिक सीबीआइ की चार्जशीट के बाद ईडी ने भी बीएस ओझा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग में मामला दर्ज कर लिया था। इस दिशा में आगे की कार्रवाई करते हुए सीबीआइ की कस्टडी से सोना जब्त कर लिया गया है। अब आरोपी अधिकारी के खिलाफ चार्जशीट तैयार की जा रही है।
और भी संपत्ति होगी अटैच
ईडी के राज्य प्रमुख पीके चौधरी के अनुसार आरोपी अधिकारी की और अभी संपत्ति की जांच की जा रही है। मूलरूप से इलाहाबाद के गोविंदपुर निवासी बीएस ओझा ने जो भी संपत्ति सेवा में आने के बाद अर्जित की है, उसकी जांच की जाएगी। जो भी संपत्ति आय से अधिक पाई जाएगी, उसे अटैच कर दिया जाएगा।
क्या है पूरा मामला
वर्ष 2013 में रुद्रपुर में गेल की ओर से पाइपलाइन बिछाने का काम चल रहा था। इस काम के लिए गेल में एक अनुबंधित पटवारी शशिकांत तैनात था। शशिकांत को सीबीआइ ने 29 मई 2013 को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। शशिकांत ने बताया था कि वह गेल के सक्षम अधिकारी बीएस ओझा के लिए काम करता है और इस रकम का हिस्सा उसे देता है। शशिकांत की गिरफ्तारी के बाद ओझा फरार हो गया। इसके बाद नौ जून 2013 को सीबीआइ ने उसे इलाहाबाद से हिरासत में लेकर पूछताछ की। तब से उसके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच चल रही थी। मुकदमा गाजियाबाद न्यायालय में विचाराधीन है।