देहरादून, हल्द्वानी और रुद्रपुर में शहर के मध्य चल रही कृषि मंडियों को बाहरी क्षेत्रों में शिफ्ट करने के लिए सरकार ने कवायद तेज कर दी है। देहरादून में निरंजनपुर स्थित मंडी को शहर से दूर टी-एस्टेट में स्थानांतरित करने के मद्देनजर वहां 400 बीघा भूमि की पड़ताल की जा रही है। टी-एस्टेट वही क्षेत्र है, जहां पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में स्मार्ट सिटी बनाने की कसरत हुई थी।
मंडी सूत्रों के अनुसार जिस भूमि की सभी पहलुओं से जांच कराई जा रही है, उसे लेकर कोई विवाद नहीं है। यदि बात बनी तो मंडी की शिफ्टिंग के लिए यह सबसे बेहतर विकल्प साबित होगा। मंडी के साथ ही वहां आढ़त बाजार को भी शिफ्ट किया जाएगा। वहीं, हल्द्वानी और रुद्रपुर की मंडियों के लिए भी दोनों शहरों से बाहर भूमि देखी जा रही है। नवीन मंडी स्थलों में ग्रेडिंग, पैकेजिंग, सार्टिंग, कोल्ड हाउस एवं प्रोसेसिंग यूनिट की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
देहरादून मंडी की स्थिति
17.46 एकड़ में फैली इस मंडी में छोटी-बड़ी 328 दुकानें और 10 गोदाम हैं। यहां 712 लाइसेंसी कारोबारी और 384 दुकान विहीन लाइसेंसी कार्यरत हैं। स्थानाभाव के चलते इसका विस्तार नहीं हो पा रहा। साथ ही इसके अति व्यस्ततम सहारनपुर रोड से लगा होने के कारण मंडी आने-जाने वाले वाहनों की वजह से जाम की स्थिति से दो-चार होना पड़ता है।
विकल्प: शहर से बाहर शिमला बाइपास पर करीब 100 एकड़ भूमि उपलब्ध न हो पाने के कारण निजी क्षेत्र में टी-एस्टेट के विकल्प को चुना गया। इस भूमि की जांच पूरी होने और सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद इसे किया जा सकता है फाइनल।
हल्द्वानी मंडी की स्थिति
43.59 एकड़ में पसरी इस मंडी में 430 दुकानें और 82 गोदाम हैं। 754 लाइसेंसी यहां कार्यरत हैं। इस मंडी में भी यातायात के बढ़े घनत्व के मद्देनजर सड़क की चौड़ाई बेहद कम है।
विकल्प: शहर से बाहर गौलापार में 80 से 100 एकड़ भूमि मिलने पर इसे वहां शिफ्ट किया जा सकता है। दूसरे विकल्प के रूप में निजी क्षेत्र की कंपनियों से वार्ता कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
रुद्रपुर मंडी की स्थिति
148 दुकानों और एक गोदाम वाली यह मंडी 14 एकड़ में बनी है। यहां लाइसेंसी कार्यरत हैं 593।
वहीं कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि तीनों मंडियों के लिए भूमि की तलाश युद्धस्तर पर चल रही है। कोशिश है कि दो वर्ष के भीतर इन तीनों को शहर से बाहर शिफ्ट कर दिया जाए। इससे कारोबारियों, किसानों को तो राहत मिलेगी ही, देहरादून, हल्द्वानी और रुद्रपुर में जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी। इसके अलावा तीनों मंडियों में सार्टिंग, ग्रेडिंग, पैकेजिंग, कोल्ड हाउस, प्रोसेसिंग यूनिट जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी, जो वर्तमान में इनमें नहीं हैं।