देहरादून: बहुचर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम अदालत ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर पति राजेश गुलाटी को दोषी करार दिया है। अधिवक्ताओं से खचाखच भरी अदालत में न्यायाधीश ने राजेश को 302 हत्या और धारा 201 सुबूत मिटाने का दोषी ठहराते हुए सजा पर फैसला शुक्रवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया।
क्या है मामला
दिल दहला देने वाली अनुपमा हत्याकांड की घटना (डीप फ्रीजर कांड) कैंट क्षेत्र के प्रकाश नगर में 12 दिसंबर 2010 को सामने आई थी। सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी पुत्र सतनाम गुलाटी निवासी 141/1 फस्र्ट फ्लोर सत्य निकेतन नई दिल्ली यहां एक मकान में पत्नी अनुपमा गुलाटी व बच्चों के साथ रहता था। अनुपमा का मायका भी दिल्ली के नेताजी नगर में है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक 17 अक्टूबर 2010 को अनुपमा से झगड़ा होने के बाद राजेश ने उसकी गला घोंट कर हत्या कर दी। इसके बाद स्टोन कटर व आरी से शव के टुकड़े कर घर के अंदर डीप फ्रीजर में दो माह तक छुपाए रखा।
जब मायके पक्ष का इस दौरान अनुपमा से संपर्क नहीं हुआ तो 11 दिसंबर 2010 को अनुपमा का भाई सिद्धांत प्रधान बहन के प्रकाश नगर स्थित घर पहुंचा, लेकिन राजेश ने उसे घर में ही नहीं घुसने दिया। उसने पुलिस बुला ली। पुलिस ने घर की तलाशी ली तो डीप फ्रीजर से अनुपमा गुलाटी के लाश के टुकड़े मिले। चार महीने की विवेचना के बाद दस मार्च 2011 को पुलिस ने हत्यारोपी राजेश गुलाटी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी।
दोनों ने की थी लव मैरिज
राजेश ने अनुपमा से 10 फरवरी 1999 को लव मैरिज की थी। दोनों के बीच 1992 से अफेयर चल रहा था। शादी के बाद वर्ष 2000 में राजेश, अनुपमा को लेकर यूएस चला गया। वहां जून 2006 में उन्हें जुड़वा बच्चे सिद्धार्थ और सोनाक्षी हुए। वर्ष 2008 में दोनों दिल्ली आ गए। इसके बाद राजेश परिवार समेत देहरादून आ गया।
बीते 18 अगस्त को हत्याकांड पर अंतिम बहस पूरी होने के बाद अदालत ने गुरुवार को फैसले की तारीख तय कर दी थी। गुरुवार को अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से पेश गवाहों के बयानों और सबूतों के आधार पर आरोपी राजेश गुलाटी को पत्नी अनुपमा गुलाटी की हत्या का दोषी करार दे दिया। सजा का ऐलान शुक्रवार को किया जाएगा।