नैनीताल- हाईकोर्ट ने दैनिक वेतन भोगियों को लेकर ऐतिहासिक फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने उन दैनिक कर्मचारियों को 48 के भीतर नियमित करने के आदेश देिए हैं जो 1981 से दिहाड़ी मजदूरों की तरह महकमे में दैनिक वेतनभोगी के तौर पर लगातार काम कर रहे हैं।
साथ ही हाईकोर्ट ने विभाग को चेतावनी भी दी है कि अगर विभाग ने 48 घंटे के भीतन इन दैनिक वेतन भोगियों को नियमित कर्मचारी के तौर पर तैनात नहीं किया तो विभाग के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाएगी।
नैनीताल हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ के सामने मामले की सुनवाई के दौरान ONGC के दैनिक कर्मचारियों की यूनियन हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी फरियाद सुनाई थी कि, वे 1981 से दैनिक कर्मचारी के रूप में तैनात हैं और उन्हें अब तक नियमित नहीं किया गया है।
जबकि साल 2001 में ONGC ने सुप्रीम कोर्ट में एक शपथ पत्र देकर कहा गया था कि पद रिक्त होते ही दैनिक कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। हाईकोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले से ONGC के दैनिक कर्मचारियों के चेहरे पर रौनक आ गई है।