देहरादून। शहर के पॉश इलाके राजपुर रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में पार्टी के दौरान एक शख्स की हत्या के बाद आबकारी विभाग और पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। होटलों और रेस्टोरेंट्स में खुले आम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रहीं हैं और जिम्मेदार विभाग आंखों पर पट्टियां बांध कर बैठे हैं।
राजपुर रोड स्थित पैसेफिक ब्लू रेस्टोरेंट में शनिवार को शराब की पार्टी के लिए वन डे बार का लाइसेंस लिया गया था। ये लाइसेंस पारिवारिक आयोजनों में शराब परोसने के लिए लिया जाता है। शराब परोसने का समय रात दस बजे तक ही होता है लेकिन पैसेफिक ब्लू रेस्टोरेंट में रात 12 बजे तक शराब परोसी जाती रही। वन डे बार का लाइसेंस लेकर टिकट बांटे गए और एंट्री फीस के तौर पर मोटी रकम वसूली गई। पार्टी नियत समय से अधिक समय तक चलती रही और विभाग के अधिकारी सोए रहे। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि या तो विभाग अपना काम नहीं कर रहें हैं या फिर ले दे कर मामले में चुप्पी साध लेते हैं।
वैसे देहरादून में वन डे बार का लाइसेंस कई रेस्टोरेंट्स में लिया जाता है। इन रेस्टोरेंट्स में खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जाती हैं। लाइसेंस लेने में आबकारी विभाग के अफसरों की मिलीभगत होती है। नाम का खुलासा न करने की शर्त पर एक शख्स ने खुलासा किया है कि इसके एवज में आबकारी विभाग के अधिकारियों को नजराना भी दिया जाता है। जिला स्तर के अधिकारियों को ‘खुश’ किया जाता है। जानकारी विभाग के आला अधिकारियों को भी होती है लेकिन वो भी चु्प्पी साधे रहते हैं। पैसेफिक ब्लू रेस्टोरेंट के मामले में भी ऐसा ही होने की आशंका जताई जा रही है। यहां चल रही शराब पार्टी में युवक की हत्या नहीं हुई होती तो आबकारी विभाग के ऐसे खेल के बारे में पता भी नहीं चलता।
वहीं पैसेफिक ब्लू में हुई हत्या के बाद अब पुलिस भी सवालों के घेरे में है। शहर के बीचो बीच वीआईपी इलाके में इस तरह की पार्टी आधी रात तक चलती रही और पुलिस को भनक भी नहीं लगी।