डेस्क- सरकार बदल गई है लेकिन महकमों का काम करने का तरीका नहीं बदला। अब भी अपने अंदाज में मोटी सरकारी पगार पाने वाले कर्मचारी और अधिकारी अपने हिसाब से काम करते हैं। जनसरोकारों से उसे कोई मतलब है।
दरअसल ये बात इसलिए कही जा रही है कि केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने अपनी फेसबुक वॉल पर जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग के नाम एक खुला खत लिख कर NH109 पर अगस्तमुनि के विजयनगर-देवल मार्ग पर चल रहे निर्माण कार्य की जांच करने की मांग की है। हालांकि उनकी शिकायत पर जिला प्रशासन फौरन हरकत में आया और निर्माण सामग्री का सेंपल लिया गया।
सबसे दिलचस्प बात ये है कि, विधायक ने तकनीकी पहलू के इंतजाम पर सवालिया निशान भी लगाया है। मसलन विधायक मनोज रावत ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग मे मिट्टी वाली बालू से निर्माण हो रहा है और मजबूत सेटरिंग के सामान के बजाए सड़ी बल्ली और नकाबिल टिनो का इस्तमाल किया जा रहै है। वो भी उस अधिशांसी अभियंता की देख रेख में जो अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई को दिल्ली आईआईटी जैसे नामी संस्थान से लेने की बात कहते हैं। विधायक रावत ने अपनी फेसबुक पर संजीदा सवाल खड़ा किया है कि,अगर दिल्ली आईआईटी से ऐसे ही कोताही बरतने की तालीम दी जाती है तो आईआईटी जैसे संस्थानों को बंद कर दिया जाना चाहिए। आप भी पढ़िए विधायक रावत की फेसबुक वाल।
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