एक और जहां 18 से 40 वर्ष के लोग अपनी वैक्सीन लगने का इंतजार कर रहे हैं और रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं तो वहीं इस बीच उत्तराखंड के विधायक ने नियमों के विपरीत जाकर अपने 25 साल के बेटे का पहले टीकाकरण कराया है जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या नियम सिर्फ आम जनता के लिए है मंत्री विधायकों के लिए नहीं? एक और जहां 18 से 44 साल के युवा वैक्सीनेशन का इंतजार कर रहे हैं और कई लोग कोरोनावायरस से अपनी जान गवा रहे हैं तो वहीं दूसरी और विधायक कोविड-19 गाइडलाइन का उल्लंघन कर रहे हैं।
बता दें कि भाजपा के विवादित खानपुर से भाजपा विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन के 25 वर्षीय बेटे को स्वास्थ्य विभाग हरिद्वार ने नियमों के विपरीत कोरोना का टीका लगाया। स्वास्थ्य विभाग और कोविठ गाइडलाइध के नियमों को दरकिनार कर विधायक के 25 वर्षीय बेटे को पहले टीका लगाया गया है जिसका विरोध हो रहा है।
विधायक का कहना है कि कोरोना काल में उनका बेटा लगातार लोगों की सेवा कर रहा है और फ्रंट वर्कर के नाते उसको पहले टीका लगाना जरूरी था इसीलिए उनको टीका लगाया गया है विधायक का कहना है कि लोगों की जान बचाना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए ना की इस पर राजनीति करना। तो सवाल ये है कि क्या पुलिस से लेकर तमाम क्र्चारी जो सड़कों पर आकर काम कर रहे हैं वो फ्रंट लाइन वर्कर नहीं हैं जो अपने वैक्सिनेशन का इंतजार कर रहे हैं?