नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन को लेकर इन्तजार है। लोग इस इन्तजार में हैं कि लैब कोरोना की कोइ कारगर वैक्सीन आये और कोरोना से लोगो को मुक्ति मिले। दुनिया के कई देश कोरोना वैक्सीन बनाने के करीब हैं। भारत में तीन भी वैक्सीन अंतिम चरणों के ट्रायल में है। देसी वैक्सीन Covaxin के फरवरी में लॉन्च होने की संभावना जताई जा रही है। कोरोना की वैक्सीन आने में भले ही अभी कुछ महीने की देर है, लेकिन सरकार ने टीकाकरण अभियान के लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी है। देश की आबादी को व्यापक पैमाने पर टीके लगाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोगों को एसएमएस के जरिए इसकी जानकारी मिलेगी।
कोरोना के खिलाफ सरकार ने टीकाकरण के लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए यह तय किया गया है कि स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों, पंचायत भवनों और ऐसे अन्य सार्वजनिक परिसरों में कोरोना की वैक्सीन लगाई जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए इस पूरे अभियान पर नजर रखेगा।
केंद्र सरकार के स्तर पर गठित विशेषज्ञ समूह ने काफी विचार-विमर्श के बाद व्यापक टीकाकरण अभियान को लेकर एक खाका तैयार किया है। इसके मुताबिक राज्य सरकारों को ऐसे भवनों की पहचान करनी है, जिनका विशेष कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान के लिए बूथ के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।
INDIA में यह टीकाकरण अभियान मौजूदा वैश्विक टीकाकरण अभियान (यूआइपी) के समानांतर चलेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय के मौजूदा डिजिटल प्लेटफॉर्म ईविन (इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क) में कोरोना टीकाकरण अभियान की जरूरतों के हिसाब से बदलाव किया गया है। इसके जरिए वैक्सीन के वितरण और आपूर्ति पर नजर रखी जाएगी। लाभार्थियों के लिए एक क्यूआर कोड भी जारी किया जाएगा।
इस अभियान के अंतर्गत लाभार्थियों को वैक्सीन लगाए जाने के लिए समय और बूथ की जानकारी उनके मोबाइल पर एसएमएस के जरिए दी जाएगी। उन्हें एक क्यूआर कोड जारी किया जाएगा और इसके जरिए उनकी पूरी जानकारी भी रखी जाएगी। ऐसा इसलिए ताकि जरूरत पड़ने पर उनसे संपर्क किया जा सके।
टीकाकरण अभियान के लिए केंद्र सरकार सीधे कंपनियों से वैक्सीन खरीदेगी। राज्य सरकारों को वैक्सीन की खरीद करने से मना कर दिया गया है। केंद्र सरकार की ओर से देशभर में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आबादी के हिसाब से वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी।
टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद किसी व्यक्ति को गलती से दो बार वैक्सीन न लगने पाए, इसके लिए अभियान से लाभार्थियों के आधार को जोड़ा जाएगा। बहुत से लोगों का आधार कार्ड अबतक नहीं बना हुआ है, तो उन्हें भी घबराने की जरूरत नहीं है। वे सरकार की ओर से जारी किसी अन्य फोटो पहचान पत्र का इस्ततेमाल कर सकते हैं।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार सरकारी सूत्रों ने बताया है कि कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध होने पर उसके वितरण और आपूर्ति के लिए यूआइपी यानी वैश्विक टीकाकरण अभियान की प्रक्रियाओं, प्रौद्योगिकी और नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाएगा। ईविन के जरिए टीके के स्टॉक और कोल्ड चेन की पल-पल की अपडेट रखी जाएगी।