देहरादून : स्वास्थ्य विभाग के कारनामे अक्सर चर्चाओं में रहते हैं। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल किसी से छुपा नहीं है। इतना ही नहीं स्वास्थ्य विभाग अपनी संपत्तियों को लेकर भी गंभीर नहीं रहता है। यही कारण है कि कई जगहों पर भवनों की हालत बेहद खराब है। कुछ जगहों पर वाहनों की स्थिति ठीक नहीं है। लेकिन, दून अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग ने जो कारनामा किया, उसकी हर तरफ चर्चा हो रही है।
दरअसल, उत्तराखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दून अस्पताल का कारनामा अखबारों की सुर्खियां तो बन ही रहा है। सोशल मीडिया में भी खूब बायरल हो रहा है। दून हस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते एक पुरानी एंबुलेंस अस्पताल परिसर में ही बर्बाद हो गई। उसे नीलाम करने का प्रयास 10 साल पहले किया गया था। लेकिन हो नहीं पाई।
विभागीय अधिकारियों ने उस पुरानी एंबुलेंस को फिर से नीलाम करने के बजाय, अस्पताल परिसर में ही कैद कर दिया। आलम यह है कि कार के चारों और भवन निर्माण कर दिया गया। कार को भी उसी निर्माण के बीच बंद कर दिया। पुरानी एंबुलेंस को वहां से बाहर निकालने का कहीं से रास्ता तक नहीं बचा है और ना ही उसे पहले वहां से बाहर निकाला गया।